आकिब खान, हटा (दमोह) मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटा उप जेल में अपने माता पिता के साथ रह रही चार वर्ष की एक मासूम बेटी अब स्कूल जाएगी। जेलर नागेंद्र चौधरी ने मासूम राधिका का स्कूल में दाखिला कराकर मानवता की मिसाल पेश की है। हत्या के एक मामले में उपजेल हटा में निरुद्ध प्रहलाद लोधी और उनकी पत्नी आरती लोधी 9 सितम्बर 2020 से उपजेल में है। जिस कारण से मां बाप के साथ मासूम राधिका लोधी भी उपजेल में रह रही थी।

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10 जुलाई को निरीक्षण के दौरान जब जेलर नागेंद्र चौधरी ने बच्ची से मुलाकात कर चर्चा की तो बच्ची राधिका ने स्कूल में पढ़ने की इच्छा जताई। जिसके बाद जेलर नागेंद्र चौधरी ने हटा के निजी स्कूल में बच्ची का दाखिला कराया। अब जेलर के द्वारा की गई इस पहल की सराहना की जा रही है। दाखिले के बाद अब यह बेटी रोज ही अध्ययन करने के लिए स्कूल जाएगी और छुट्टी के बाद वापस जेल आएगी।

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जेलर नागेंद्र चौधरी ने बताया कि 10 जुलाई को जेल के निरीक्षण के दौरान एक अबोध बालिका से उनका सामना हुआ। उन्होंने उससे पूछा स्कूल में पढ़ने जाना है, मासूम ने स्वीकृति में सिर हिला दिया, लेकिन उसे जेल से अपनी मर्जी से सीधे किसी स्कूल भेज देना जेल मैनुअल के हिसाब से उचित नहीं था। उसकी इच्छा का सम्मान करते हुए जेलर ने सबसे पहले उसके माता-पिता आरती एवं प्रहलाद लोधी से उसकी सहमति प्राप्त की। इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए न्यायालय से अनुमति प्राप्त की और अपने खुद के बच्चों के साथ उसका नाम स्कूल में लिखवा दिया। अब बच्ची रोज जेल से ही स्कूल में पढ़ने के लिए जाएगी।

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