धर्मेंद्र यादव,सीहोर/कपिल शर्मा, हरदा। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में विद्यार्थी परिषद ने धरना प्रदर्शन किया। छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में पानी पीने के लिए एक भी वाटर कूलर नहीं है। कॉलेज में कंप्यूटर भी खराब है। इस संबंध में कई बार शिकायत की जा चुकी है। वहीं प्राचार्य कहते है कि इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। आप लोग मेरा ट्रांसफर करा दो, मैं खुद परेशान हूं। इधर हरदा जिले में एलआईसी एजेंट अपनी मांगों को लेकर LIC दफ्तर के बाहर काम बंद कर 4 दिवसीय हड़ताल पर बैठे रहे। इस दौरान आईआरडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दरअसल, सीहोर के शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में पानी पीने के लिए एक भी वाटर कूलर नहीं है। हॉस्टल में करीब डेढ़ सौ छात्राएं है, जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कॉलेज में कोई भी काम समय पर नहीं होता है। इस समस्या को लेकर जब भी प्राचार्य के पास जाते है तो वे कहते है कि इसमें मैं कुछ भी नहीं कर पाऊंगा। आप लोग मेरा ट्रांसफर करा दो, मैं खुद परेशान हूं।
बताया गया कि छात्राओं को कॉलेज में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है। कंप्यूटर क्लास भी सही से नहीं लगती, क्योंकि सभी कंप्यूटर खराब है। जबकि नियम के मुताबिक सभी छात्राओं को हर सेमेस्टर में लगभग 2000 की स्टेशनरी मिलनी चाहिए। लेकिन इसके बदले में 2 पेन, दो कॉपी और रजिस्टर दिए जाते है। छात्राओं ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। वहीं छात्राओं ने बताया कि 10 दिन पहले ही प्राचार्य का ट्रांसफर मुरैना हो चुका है, लेकिन वे यहां से रिलीव नहीं हो रहे हैं।
हरदा में एलआईसी एजेंटों की हड़ताल
हरदा जिले में एलआईसी एजेंटों ने अपनी मांगों को लेकर 4 दिवसीय हड़ताल की। इस दौरान उन्होंने कामकाज बंदकर एलआईसी दफ्तर के बाहर आईआरडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरअसल एलआईसी अभिकर्ता संगठन ने 4 दिवसीय धरना प्रदर्शन कर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण की नीतियों का जमकर विरोध किया। लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के बैनर तले 11 से 14 अक्टूबर अभिकर्ता संगठन ने एलआईसी कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर आईआरडीए के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान अभिकर्ता संगठन ने नव व्यवसाय, प्रीमियम जमा सहित कार्यालयीन कामकाज बंद रखा।
LIAFI से जुड़े भारतीय जीवन बीमा अभिकर्ता संगठन के जिलाध्यक्ष बी एम पारे ने बताया कि आईआरडीए द्वारा अभिकर्ताओं पर कुठाराघात किया जा रहा है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा एजेंट के कमीशन में कमी, एजेंट्स पोर्टबिलिटी, बीमा सुगम करने का प्रावधान किया जा रहा है। अभिकर्ताओं ने किश्त में जीएसटी हटाने, बीमा पॉलिसियों में बोनस की वृद्धि, 5 वर्ष से अधिक पॉलिसी के पुनर्चलन, वित्तीय लेनदेन की ब्याज दर घटाने, बीमा पॉलिसी में एक से अधिक बार KYC नहीं लेने, शाखा स्तर पर सिटीजन चार्टर लगाने की मांग की गई है।
इसके साथ ही अभिकर्ता संगठन के कोषाध्यक्ष रमेशचंद्र सोनी ने बताया कि हमने अभिकर्ता ग्रेच्युटी में वृद्धि, समूह बीमा धन एवं आयु सीमा में वृद्धि, अभिकर्ता को मेडिकल सुविधा, अभिकर्ताओं को मिलने वाले एडवांस में वृद्धि की मांग की गई है। धरना प्रदर्शन के दौरान महेंद्र राजपूत, नरेंद्र कुलकर्णी, सुधीर दुबे, नरेंद्र पारे, राजाराम तंवर, रामकृष्ण कुशवाह, गौरीशंकर गन्नौरे, नवीन कोठारी, कमलेश गुर्जर, अनिल गौर, आशुतोष राजपूत, अशोक मर्सकोले, वी एस मंडलेकर, संजय अग्रवाल, चैनसिंह भवरे, शंकर सेंगवा, महेंद्र जाट समेत 500 से अधिक एलआईसी एजेंट उपस्थित रहे।
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