रेणु अग्रवाल, धार। मध्यप्रदेश के धार में सास-ससुर ने मिसाल पेश की है। कोरोना से बेटे की मौत के बाद सास-ससुर ने बहू को न केवल बेटी की तरह माना। बल्कि एक साल बाद कल्याणी बहू की दूसरी शादी करवाकर कन्यादान किया। साथ ही गिफ्ट में बेटे का घर दे दिया। बुजुर्ग दंपति की अब हर कोई सराहना कर रहा है।

पहले पति प्रियंक तिवारी के साथ रिचा तिवारी

दरअसल, कोरोना ने कई परिवार उजाड़ दिए। धार के प्रकाश नगर निवासी युग तिवारी जो कि भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी के पद पर थे। वह अपनी पत्नी रागिनी तिवारी के साथ रहते थे। जीवन खुशी-खशी से बीत रहा था, लेकिन कोरोना ने सब कुछ तबह कर दिया। उससे उनका बेटा छीन लिया। 25 अप्रैल 2021 को बेटा प्रियंक तिवारी का कोरोना से भोपाल में निधन हो गया।
36 वर्षीय प्रियंक भोपाल में ही निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। प्रियंक की शादी हो चुकी थी। पति के मौत के बाद 32 वर्षीय रिचा तिवारी भी सदमे में आ गई। ऐसे समय में सास-ससुर ने बहू को सहारा दिया। बहू को बेटी बनाकर रखा।

इनता ही नहीं एक साल बाद बेटी समान बहू के लिए रिश्ते देखे और नागपुर में जाकर इंजीनियर वरुण मिश्रा से विवाह करवाया। इस पुनर्विवाह की हर रस्म उन्होंने खुद निभाई। विवाह का खर्च भी स्वयं उठाया। साथ ही नागपुर में उनके पुत्र प्रियंक ने जो घर खरीदा था वह भी बहू और उसके नए पति को उपहार में दे दिया। युग तिवारी ने बताया कि बेटी की हर पल की खुशी उनके लिए जरूरी है। वहीं प्रियंक तिवारी जिस कंपनी में काम करते थे उसी कंपनी में ऋचा को नौकरी मिल गई। आज ऋचा और वरुण अपनी नई जिन्दगी से खुश हैं।

अभिशाप नहीं वरदान है बेटी

संदीप शर्मा। समाज बदल रहा है और अब बेटियां वरदान के रूप में परिवार का अंग बन रही हैं ऐसा ही एक उदाहरण विदिशा की आज्ञा राम कॉलोनी में देखने को मिला, जहां साहू परिवार में बेटी के जन्म होने पर उत्सव मनाया गया। घर आगमन की ऐसी तैयारियां की कि लोग देखते रह गए। लाडली लक्ष्मी का जैसे ही घर आगमन हुआ, उसका ढोल धमाकों के साथ स्वागत किया गया। पैरों में कुमकुम लगाकर कपड़े पर उसके पद चिन्ह लिए गए। पूरे मोहल्ले में उत्सव का माहौल था।

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