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रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार (Dhar) जिले की जनपद पंचायतों में अमानक राष्ट्रीय ध्वज (National flag) भेजे गए है। जिला पंचायत ने जो तिरंगा (Tiranga) भेजा है, उसमें बड़ी संख्या में अमानक ध्वज है। कई झंडे कटे फटे तो कई टेढ़े मेढ़े हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज संहिता का उल्लंघन करने वाले भी हैं। इन अमानक ध्वज के वेंडर से मिलने पर इनकी मॉनिटरिंग नहीं की गई और इसका वितरण कर दिया गया।
यह तिरंगा प्रति ग्राम पंचायत में 105 नग प्रदाय करने के लिए भेजे गए है। राष्ट्रीय ध्वज आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान के लिए गांव में लोगों के घरों पर लगाने ग्राम पंचायत के द्वारा जनपद पंचायत से सशुल्क प्राप्त किए गए हैं। इसमें एक झंडे की कीमत 18 रुपये बताई गई है। सकतली पंचायत के सचिव ईश्वर ने बताया कि 105 झंडे लेकर जा रहे है। इसका 18 रुपये प्रति झंडा भुगतान करना है। बग्गड़ के सचिव ने बताया कि 18 रुपये का है। झंडे टेढ़े भी है, 105 झंडे लिए है।
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इस मामले में जब धार जनपद की सीईओ मोशिबा शिंदे से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं अभी छुट्टी पर हूं, सोमवार को आऊंगी। उन्होंने कहा कि यह ध्वज हमें जिला पंचायत से प्राप्त हुए हैं। आप जिला पंचायत के सीईओ से बात कर लीजिए।
वहीं जिला पंचायत के सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार के अधिकृत वेंडर से तिरंगा ध्वज मिले हैं। उन्होंने कहा कि त्रुटि पूर्ण है तो न फहराया जाए। उन्होंने कहा कि यह राशि ग्राम पंचायत के सचिव को जनपद पंचायत से झंडा लेते समय जनपद पंचायत के नोडल अधिकारी को जमा करवाना होगी।
जिला पंचायत ने एक पत्र क्रमांक 2387 / पंचायत राज / 2023 दिनांक 11 /8/ 2023 जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी के द्वारा पूरे जिले की जनपद पंचायत, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में 95000 झंडो का वितरण किया जाना है। जिनकी कीमत 17 लाख 10 हज़ार रुपये बताई गई है, अब यह 95000 ध्वज में से अधिकांश ध्वज ध्वज राष्ट्रीय ध्वज संहिता का पालन नहीं करते हैं। इन्हें किस तरह हर घर तिरंगा अभियान के तहत लगाया जाएगा ?
क्या है नियम ?
नियम के अनुसार, झंडे आयताकार, लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए। अगर उसकी लंबाई 150 सेंटीमीटर है तो चौड़ाई 100 सेंटीमीटर होना चाहिए। जिला पंचायत के द्वारा जनपद पंचायत को जो राष्ट्रीय ध्वज भेजे गए हैं, उसमें जो तीन कलर की पट्टियां है वे समान आकार की नहीं ।है झंडे में केसरिया, सफेद और हरे कलर की जो पट्टियां है इन तीनों की चौड़ाई बराबर होना चाहिए। लेकिन यहां पर जो ध्वज बांटे जा रहे हैं वे फ्लैग राष्ट्रीय ध्वज संहिता का पालन नहीं कर रहे हैं। इन झंडों की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात भी 3 अनुपात 2 नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल राष्ट्रीय ध्वज किसी भी एजेंसी के द्वारा मिले, उनका निरीक्षण करने, झंडा संहिता के अनुसार पाए जाने पर ही भेजा जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं जनपद स्तर पर भी किसी अधिकारी ने इसकी मॉनिटरिंग नहीं की।
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