रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) न्यायलय के आदेश से 98 दिन सर्वे किया. अब तक वहां 1700 से ज्यादा अवशेष मिल चुके हैं. मूर्तियां, ढांचे, खंभे, दीवारें, भित्ति चित्र लगातार मिल रहे हैं. दावा है कि ये सब परमार कालीन यानी 9वीं से 11 वीं शताब्दी के बीच का निर्माण है. इस बीच एक गर्भगृह के पास एक 27 फीट लंबी दीवार भी मिली है, जो पत्थर की जगह ईंटों की बनी है. भोजशाला का लेकर जैन समाज ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसमें जैन गुरुकल होने की बात कही गई है.

कमाल मौला दरगाह से सटी दीवार से लगा गोमुख और भीतर बावड़ी, कुरान की आयतें लिखे शिलालेख और जैन धर्म से जुड़ी मूर्तियां और शिलाएं भी मिली है. एएसआई भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में सर्वे किया. क्योंकि अब सर्वे लगभग पूरा हो चुका है. सर्वे और खुदाई के दौरान सैकड़ों अवशेष मिले हैं. हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां, खंभे, भित्ति चित्र तो मिले ही हैं. कुरान की आयतें लिखे शिलालेख भी हैं.

हिंदू पक्ष का दावा है कि अब तक मिले ढांचे और नक्काशी को देखकर यही समझ में आ रहा है कि यह परमार कालीन मंदिर रहा होगा. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां सन 1305 से 1307 के बीच कमाल मौला मस्जिद का निर्माण किया गया था. भोजशाला को वैज्ञानिक आधार पर तय किया जा सके कि यह स्थान किस धर्म से जुड़ा है. इसमें अभी स्वामित्व का कोई फैसला नहीं होना है. यह ढांचा पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया गया है। धर्म का फैसला एएसआई रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट कर सकता है.

सर्वे के 98 दिन में अब तक 1700 अवशेष मिले

  • गर्भगृह का पिछला हिस्सा में अंदर 27 फीट तक खुदाई की गई है, दीवार का ढांचा मिला है.
  • सीढ़ियों के नीचे का बंद कमरा वाग्देवी, मां सरस्वती, हनुमानजी, गणेशजी समेत शंख, चक्र सहित 79 अवशेष मिले हैं.
  • उत्तर-पूर्वी कोना और दरगाह का पश्चिमी हिस्सा, वहां से श्रीकृष्ण, वासुकी नाग और शिवजी की प्रतिमा मिली है.
  • उत्तर-दक्षिणी कोना तलवार, स्तंभ दीवारों के 150 नक्काशी वाले अवशेष मिले हैं.
  • यज्ञशाला के समीप दीवार ढांचा, सनातनी आकृतियों वाले पत्थर मिले.
  • दरगाह परिसर में अंडरग्राउंड अक्कल कुइया चिह्नित हुई.
  • स्तंभों पर केमिकल ट्रीटमेंट के बाद सीताराम, ओम नमः शिवाय की आकृतियों को चिह्नित किया.

भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्तियों के होने के साथ वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिलते हैं। इन मूर्तियों का जैन धर्म से संबंधित होने का शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी सुरक्षित हैं.

जैन समाज का दावा

धार भोजशाला किसकी, इसकी जानकारी जुटाने के लिए एएसआई का सर्वे पूरा हो गया है. उधर, इस सर्वे के दौरान खुदाई में सामने आ रही सामग्री और तथ्यों को देखते हुए अब जैन समाज ने भी इस पर अपना दावा ठोंक दिया है. जैन समाज ने भोजशाला पर अपने अधिकार को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसे स्वीकार कर लिया गया है. दायर याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन गुरुकुल होने की बात कही गई है.

इन्होंने लगाई याचिका

भोजशाला से संबंधित जैन समाज की याचिका इंदौर हाईकोर्ट में विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन ने लगाई है. याचिका क्रमांक 17333/24 को स्वीकार कर लिया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्तियों के होने के साथ वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिलते हैं. वर्तमान में यह मूर्तियां और मूर्तियों का जैन धर्म से संबंधित होने का शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी सुरक्षित है.
दायर याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन गुरुकुल होने की बात कही गई है.

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