रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी। आदिम जाति सहकारी सोसायटी प्रबंधक के घर और फार्म हाउस पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। फिलहाल दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे इंदौर लोकायुक्त की टीम धार जिले पहुंची। धार के लाबरिया में इंदौर लोकायुक्त की टीम ने बुधवार को 12 घंटे तक आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधक गोवर्धन लाल मारू पटेल के कई ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान 2 लाख 11 हजार नगद 15 लाख रुपए का सोना और डेढ़ किलो चांदी मिली है।

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1984 में लगी थी नौकरी

गोवर्धन मारू 1984 में सेल्समैन के पद पर 300 प्रतिमाह के वेतन पर नौकरी में लगा था। तब से आज तक इनका वेतन के रूप में 80 लाख रुपए आय मिलना अनुमानित है और कृषि भूमि से भी लगभग 40 लाख रुपए की राशि मिलना बताया गया है। इसकी तुलना में आय से अधिक व्यय इनके द्वारा चल अचल संपत्ति पर किया गया। लोकायुक्त ने सर्चिंग में 4 करोड़ 69 लाख की संपत्ति होना पाई। जबकि इनकी अनुमानित आय एक करोड़ 20 लाख रुपए है। अनुपातहीन संपत्ति होने से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधन के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

लोकायुक्त डीएसपी ने कही ये बात

लोकायुक्त इंदौर के डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि पुलिस अधीक्षक विपुष्ठा इंदौर संभाग के राजेश सहाय को एक शिकायत मिली थी। जिसमें कहा गया कि ग्राम लाबरिया में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था प्रबंधक गोवर्धन मारू पटेल ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कई मकान-दुकान और गोदाम बना रखा है। काफी संख्या में खेत भी खरीदे हैं। शिकायत के सत्यापन के बाद आज गोवर्धन मारू के घर-फार्म हाउस पर दबिश दी गई।

अनुपातहीन संपत्ति होने पर मामला दर्ज

उन्होंने बताया कि सर्चिंग के दौरान 4 करोड़ 69 लाख की संपत्ति इनकी होना पाई गई है, जो कि उनकी आय जब यह 1984 में नौकरी में लगे थे तब इनकी 300 आय थी। अभी इनको 65 से 66000 प्रति माह वेतन मिलता है। इनको लगभग 80 लाख वेतन में मिलना अभी तक अनुमानित है। कृषि भूमि भी थी जिससे 40 लाख रुपए की आय होना संभावित है। एक करोड़ 20 लाख इनकी आय संभावित थी, उसकी तुलना में चार करोड़ 69 लाख का व्यय किया। चल अचल संपत्ति पर इस तरह से अनुपातहीन संपत्ति होने से प्रकरण दर्ज किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधन 2018 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है अग्रिम विवेचना की जाएगी।

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