कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ग्वालियर की जिला अदालत ने मानहानि का केस रजिस्टर्ड किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज करते हुए, 23 जुलाई को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश भी जारी किया गया है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने RSS, बजरंग दल और भाजपा पर पैसे लेकर पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह बयान 31 अगस्त 2019 को भिंड में दिया था। सीनियर अधिवक्ता और भाजपा में विशेष आमंत्रित सदस्य अवधेश भादौरिया ने जिला अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी, जिस पर हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि बीती सुनवाई के दौरान ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय ने निचली न्यायालय के आदेश को बदलते हुए अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को अवैधानिक और त्रुटिपूर्ण माना था। अधीनस्थ न्यायालय को आदेश दिया था कि मामले पर पुनर्विचार कर प्रकरण में अभियुक्त दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मानहानि का मामला दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की जाए, जिस पर हुई सुनवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला रजिस्टर्ड किया है। इस लिहाज से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अब मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
11 जनवरी 2020 को अधीनस्थ न्यायालय ने मानहानि का यह मामला निरस्त किया था, उस दौरान निचली अदालत ने मामला निरस्त करते हुए तर्क दिया था कि ” अभियुक्त दिग्विजय सिंह द्वारा याचिकाकर्ता के विरुद्ध व्यक्तिगत रूप से आरोप नहीं लगाया गया। ऐसे में इसे निरस्त किया जाता है, जिसको लेकर मामला निरस्त होने पर सत्र न्यायालय में भाजपा के विशेष आमंत्रित सदस्य एडवोकेट अवधेश भदोरिया ने क्रिमिनल रिवीजन फाइल की थी, उसमें तर्क दिया गया कि दिग्विजय सिंह ने 31 अगस्त 2019 को भिंड में आयोजित पत्रकार वार्ता में बयान दिया था और बोले थे कि “एक बात मत भूलिये जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, बजरंग दल, भाजपा, आईएसआई से पैसा ले रहे हैं इस पर थोड़ा ध्यान दीजिए और एक बात और बताऊं पाकिस्तान से आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं। गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं”।
दिग्विजय सिंह के इस बयान को लेकर अधिवक्ता अवधेश सिंह भदोरिया ने सत्र न्यायालय में बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं और दिग्विजय सिंह ने पार्टी की छवि को खराब करने की नियत से बयान दिया है, जिसका सीधा प्रभाव कार्यकर्ताओं और उनके मान सम्मान पर भी पड़ता है। लिहाजा निचली अदालत का दिया गया आदेश गलत है। साथ ही अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंट को भी सत्र न्यायालय के समक्ष रखा, जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने का निचली अदालत को आदेश दिया था।
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