दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिला के कोहका स्थित नर्मदा राइस मिल में ईओडब्ल्यू जबलपुर द्वारा छापेमारी में गड़बड़ी के बाद सीलबंद कार्रवाई की गई। इस दौरान एसडीएम रामबाबू देवांगन, तहसीलदार शांतिलाल विश्नोई, नान जिला प्रबंधक मुकुल त्रिपाठी, खाद्य इंस्पेक्टर आकाश तुरकर और कोतवाली पुलिस मौजूद रही।

EOW ने जांच में यह पाया

नर्मदा राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल का मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन से 300 टन का अनुबंध था। जिसमें संचालक द्वारा 282 टन लाट का धान उठाव किया गया और बदले में 222 लाट चावल 02 मई 2023 तक जमा किया। शेष 60 लाट मिल संचालक के पास जमा है। जांच के दौरान ही शेष 60 लॉट धान का भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन में सीएमआर सीट में शेष 60 लाट धान के विरुद्ध में 9 लाट धान व 16 लाट चावल कुल 25 लाट धान एवं चावल पाया गया। इसमें 35 लाट धान भौतिक सत्यापन पर कम पाया गया। मिल के संचालक एवं प्रोपराइटर राजपाल द्वारा शासन से धोखाधड़ी की गई।शासन को तीन करोड़ 3 लाख 10 हजार आर्थिक क्षति पाए पर संचालक के खिलाफ धारा की 420 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

30 जून तक जमा कर सकते

नान के जिला प्रबंधक मुकुल त्रिपाठी ने बताया कि ईओडब्ल्यू द्वारा जांच की गई थी। मिल में शासन द्वारा दिए धान कम पाए गए है। कम पाए गए लगभग 30 लाट की अनुमानित कीमत लगभग तीन करोड़ है। जितना उठाया उतना जमा नहीं किया। 30 जून तक जमा कर सकते है।

एक राजनैतिक दल का हूं इसलिए द्वेषपूर्ण कार्रवाई

मिल के मालिक रमेश राजपाल ने बताया कि मेरे द्वारा ईओडब्ल्यू को जवाब दिया गया कि मेरे धान परिसर के अलावा मेरे वेयर हाउस, ट्रांसपोर्ट और गाड़ियां निगवानी गोदाम में तीन दिन से खड़ी हुई जो खाली नहीं हुई है। अनुबंध के अनुसार 17 मार्च 2023 से 30 जून 2023 तक जमा करने की समय सीमा है। समय सीमा में जमा नहीं करने पर सिक्योरिटी राशि से काटनी चाहिए। चूंकि में एक राजनैतिक दल का हूं इसलिए द्वेषपूर्ण कार्रवाई की गई है। हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। आज मेरे मिल परिसर, वेयर हाउस, दफ्तर को सील किया गया है।

घटनास्थल पर हमारे रिपोर्टर दीपक ताम्रकार

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