दीपक ताम्रकार,डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी में हाथियों का दल जमकर उत्पात मचा रहा हैं. मंगलवार की सुबह हाथियों ने एक महिला को कुचल दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं शहर में ही काले मुंह के 10 बंदरों की जली मुंडी के साथ वन विभाग ने 2 आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बंदरों का शिकार करने के बाद उनको भूंज कर सुखाते थे. इसके बाद साल भर उनका सब्जी बनाकर खाते थे.
हाथियों ने महिला को कुचला
डिंडोरी वन परिक्षेत्र के नारायणडीह के पोषक ग्राम बासीदेवरी में मंगलवार की सुबह तकड़े 3 से 4 बजे के बीच 3 हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया है. इस दौरान हाथियों ने दुकान के बाहर सो रही एक महिला को भी कुचल दिया है. जिसके चलते उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया है. महिला का नाम कमलवती धारवे बताया जा रहा है. घटना की पुष्टि फोन के माध्यम से नारायणडीह के सरपंच लक्ष्मी प्रसाद ने की है.
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वन विभाग पर नाराज दिखे ग्रामीण
घटना की सूचना ग्रामीणों ने शाहपुर पुलिस और डिंडोरी वनविभाग को दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अमले ने जांच शुरू कर हाथियों के मूवमेंट पर निगरानी शुरू कर दी है. घटना के बाद जहां बासी देवरी सहित आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों में हाथियों को देखरे दहशत का माहौल है, तो वही वन अमले पर भी ग्रामीण नाराजगी दिखा रहे है.
अमले ने गांव कराई मुनादी
ग्रामीणों का कहना है कि जब हाथियों का गांव की तरफ मूवमेंट था, तो वन अमला गांव में क्यों मौजूद नहीं रहा. हाथियों ने बासीदेवरी गाँव में उत्पात मचाने के बाद जंगल की तरफ रुख कर लिया है. जिसके चलते वन विभाग ने मुनादी करवाकर गांव वालों को जंगल तरफ न जाने की अपील की है.
काले मुंह के 10 बंदरों की जली मुंडी के साथ 2 आरोपी गिरफ्तार
डिंडोरी में वन विभाग की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. जिनके पास से काले मुंह के जंगली बंदरों की 10 मुंडिया सहित उनके कटे हुए अंग और धारदार हथियार बरामद हुए है. यह दोनों आरोपी सामान्य वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र डिंडोरी के गोरखपुर के कक्ष क्रमांक 192 जोगी धार इलाके से गिरफ्तार किए गए हैं. आरोपी का नाम भागवत पिता फलसाय 49 साल और बलदेव पिता गरबू से 40 साल निवासी ग्राम दुभा थाना शहपुरा के बताए गए हैं.
हत्या के बाद मांस सुखाकर खाते थे
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी इसके पूर्व से भी काले मुह के बंदरों का शिकार करते आ रहे है, जो बंदरों की हत्या कर उन्हें भूंज कर फिर सुखाते थे. इसके बाद साल भर उनका भक्षण करते थे. आरोपियों ने बताया कि वे जंगली इलाके में गर्मी के दिनों में पानी को खोजते बंदरों का आसानी से फंदा लगाकर शिकार करते है. वही दोनों आरोपियों के खिलाफ वन संग्रक्षण अधिनियम की धारा 1972 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है.
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