दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले (Dindori) में क्षतिग्रस्त जलाशय और नहर की मांग को लेकर किसानों ने जल संसाधन विभाग का घेराव किया। वर्षों से क्षतिग्रस्त जलाशय और नहर की मरम्मत न होने से किसान परेशान है। इसे लेकर किसानों ने जल संसाधन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। इधर रामचरित मानस जलाने वाले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
किसानों ने जल संसाधन का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
डिंडौरी जिले के समनापुर पड़रिया के 4 गांव के किसानों ने जल संसाधन विभाग का घेराव करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई। उनका आरोप है कि पड़रिया 3 में लगभग 30 वर्ष पहले बांध, नहर बना था, जो क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण 3 वर्षों से किसानों को जलाशय का लाभ नहीं मिल रहा है।
किसानों का कहना है कि इसकी शिकायत कई बार जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) और कलेक्टर (Collector) से कर चुके है, लेकिन जिम्मेदार विभाग ने जलाशय का कोई सुधार नहीं कराया। जिससे किसान खेती नहीं कर पा रहे है। आक्रोशित किसानों ने मुख्यमंत्री (CM Shivraj Singh) के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जल संसाधन विभाग का घेराव कर दिया।
साथ ही किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा यदि 15 दिनों में काम चालू नहीं होता, तो आने वाले दिनों में चक्काजाम करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। वहीं जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब कह रहे कि एस्टीमेट बना कर शासन को भेज दिया गया है, स्वीकृति मिलते ही काम चालू करवा दिया जाएगा।
रामचरित मानस जलाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भगवती मानव कल्याण संगठन (Bhagwati Manav Kalyan Sangthan) और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी (Bhartiya shakti chetna party) ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख है कि कुछ दिन पहले रामचरित मानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां जलाकर सनातन धर्म का अपमान करने वाले और देश को जाति धर्म के नाम पर बांटने की साजिश करने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि भारत आदिकाल से ही साधु संतों ऋषि-मुनियों का देश रहा है। यहां का जन-जन भगवान श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण और अपने देवी-देवताओं पर गहरी आस्था रखते हैं। लेकिन बड़े खेद का विषय है कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी की कार्यकर्ताओं ने रामचरित मानस को फाड़ा और जलाया। जिससे करोड़ों हिंदू लोगों के आस्था को ठेस पहुंची है।
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आपको बता दें कि भगवती मानव कल्याण संगठन एक जनकल्याणकारी संगठन है, जो पिछले 30 वर्षों से धर्म सम्राट योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के निर्देशन में समाज को नशा मांस से मुक्त जातीयता छुआछूत और संप्रदायिकता जैसी महामारियों से बचाने, समाज के लोगों को चरित्रवान, चेतनावान बनाने का कार्य कर रही है। संगठन और पार्टी के लोगों ने इस अभद्र टिप्पणी और रामचरित मानस को जलाने के संबंध में संज्ञान सौंपते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है।
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