दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी (Dindori) के जुनवानी गांव में संचालित चिल्ड्रन होम में बच्चियों ने शिक्षकों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिस पर 4 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब बाकी छात्राओं के विरोध करने और पुलिसकर्मियों को घेरने पर प्रिंसिपल को छोड़ दिया गया है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रवक्ता राधे श्याम कोकड़िया ने नाबालिग बच्चियों के चरित्र पर ही सवाल उठा दिए है.

दरअसल गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते और प्रवक्ता राधे श्याम कोकड़िया जैसे ही डिंडोरी जिला मुख्यालय के वन स्टॉप सेंटर में रविवार की देर शाम बच्चियों को छुड़वाने और प्रशासन पर दबाव बनाने पहुंचे। वैसे ही भारी संख्या में पुलिस बल वन स्टॉप सेंटर पहुंच गया। इस दौरान वन स्टॉप सेंटर में एसडीएम बलवीर रमण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम व बाल कल्याण की टीम भी पहुंची। गोंडवाना के नेताओं ने लगभग 2 घंटे तक जिला प्रशासन पर भरपूर दबाव बनाने हुए बच्चियों को छुड़वाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन अडिग रहा। 

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कोकड़िया ने नाबालिग के चरित्र पर ही उठाया सवाल 

इस पूरे मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम कोकड़िया ने नाबालिग के चरित्र पर ही सवाल उठा दिया है। प्रवक्ता ने मिशनरियों का पक्ष लेते हुए 11वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा के चरित्र पर सवाल खड़ा करते हुए उसके नाम का जिक्र कर दिया, जो कानून के खिलाफ है। इसके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं। जिनमें दिखाई दे रहा है कि जिस प्रिंसिपल पर छात्राओं से यौन शोषण के आरोप लगे है उसे पुलिस छात्रों के बीच सौंपती दिखाई दे रही है। हालांकि इस वायरल वीडियो की lalluram.com पुष्टि नहीं करता है। वही आरोपित प्रिंसिपल नान सिंह यादव हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन भी करता दिखाई दिया।

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प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम कोकड़िया को लेकर राष्ट्रीय बाल संग्रक्षण आयोग के चेयर पर्सन प्रियंक कानूनगो ने एक ट्वीट किया. जिसमें कोकड़िया पर डिंडोरी बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष को धमकी देने और बच्चों का यौन शोषण करने वालों की मदद करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को एफआईआर करने के निर्देश दिए। डिंडोरी जिला मुख्यालय स्थित वन स्टॉप सेंटर में रविवार की देर शाम एसडीएम बलवीर रमण ने गेट के भीतर घुसने का प्रयास कर रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को रोका और कहा कि सोमवार की सुबह न्यायालय में 164 के कथन होने के बाद आपको बच्चियां सौंपेंगे। तब कहीं जाकर गोंडवाना नेता मौके से रवाना हुए।

राधेश्याम कोकड़िया ने कहा कि रविवार के दिन एडीएम, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी और टीआई को बच्चों ने कथित रूप से घेर लिया और बंदी बना लिया था। बच्चों की मांग थी कि उनके प्रिंसिपल को जिनके ऊपर गलत-गलत धारा लगाई गई हैं, उसे हटाते हुए उन्हें छोड़ा जाए और जो उनके साथी छात्राएं है जिन्हें वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है उन्हें भी छुड़ाया जाए। गौड़वाना गणतंत्र पार्टी के प्रवक्ता की माने तो छात्रों के दबाव व मांग पर पुलिस ने JDES के आरोपित प्रिंसिपल नान सिंह यादव को बच्चों को सुपुर्द कर दिया है। राधेश्याम ने भाजपा और आरएसएस पर मिशनरी के खिलाफ षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है ताकि आदिवासी बच्चे आगे न बढ़ सके।

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 8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ की थी यौन शोषण की शिकायत

दरअसल मध्यप्रदेश राज्य बाल आयोग (Madhya Pradesh State Child Commission) के निरीक्षण के दौरान जुनवानी स्थित मिशनरी की तरफ से संचालित अवैध चिल्ड्रन होम की बच्चियों ने वहां की व्यवस्था का खामियां गिनाई। लेकिन बाल आयोग को होश फाख्ता तब हो गए, जब 8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की। बच्चियों ने बताया कि उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है। उन्हें गंदी नजरों से टच कर घिनौनी हरकत की जाती है। 

ये बच्चियां डर की वजह से कहीं कोई शिकायत नहीं पाती थी, लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया और कार्रवाई नहीं होने की बात कही। तब पुलिस के आलाधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में प्रिंसिपल समेत 4 शिक्षकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। इस संस्था में 600 आदिवासी बच्ची रहती है।

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