अजय शर्मा/शब्बीर अहमद, भोपाल। समूचे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नशे के खिलाफ अभियान जोरों पर है, लेकिन राजधानी भोपाल में ही इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। शहर के कई इलाकों में नशे का कारोबार बगैर रोकटोक और खुलेआम चल रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि पूरा नेटवर्क महिलाओं को सॉफ्ट टारगेट बनाकर चलाया जाता है।
पहले वीडियो देखिए
जब हमारी टीम तंग गलियों से होकर गोरखधंधे की इस मंडी में दाखिल हुई तो लग ही नहीं रहा था कि यहां मादक पदार्थों की तस्करी कोई अपराध है। पुलिस चौकी के सामने बेखौफ अंदाज में अपने गंदे धंधे को चलाने वाले ये तस्कर शहर के बीचों बीच करोड़ों रुपये की मादक पदार्थों की खेप इनके पास है और नाम दिया जाता है पुड़िया का… इस सकरी गली में पहुंचते ही नशा कहां मिलेगा? ये पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगा। हर किसी को पता है कि इस गली में दाखिल होने वाला शख्स सिर्फ नशा खरीदने आया है। ये गोरखधंधे बाज हाथ देकर इंसान को बुलाने लगते हैं।
इन इलाकों में बिक रही ‘पुड़िया’
तलैया इलाका
तलैया इलाके में पुलिस चौकी के आमने-सामने ही नशे की सबसे बड़ी मंडी चल रही है, यहां नशे का सामान फुटकर और थोक दोनों उपलब्ध है। इतना ही नहीं पुराने शहर से ऑपरेट हो रहा ये गोरखधंधा नए शहर के चप्पे-चप्पे तक पहुंच चुका है। ऐसा कोई चौराहा नहीं है नए शहर का, जहां मादक पदार्थ आसानी से नहीं मिल रहे हो। प्रदेश के पहले स्मार्ट और मेट्रो थाना हबीबगंज के 100 मीटर की दूरी पर मादक पदार्थ की हर पुड़िया उपलब्ध है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि यहां नशे के कारोबार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। माल खत्म होने के बावजूद मौहल्ले से ही दूसरे जगह से माल उपलब्ध कराने का दावा किया गया।
एमपी नगर का चेतक ब्रिज
राजधानी भोपाल के सबसे कॉरपोरेट और हॉस्टल जोन के रूप में पहचाने वाले एमपी नगर इलाके में धड़ल्ले से नशे की पुड़ियांओं का कारोबार संचालित हो रहा है। यहां इस इलाके में ये धंधा बड़े व्यापक स्तर पर फल फूल रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यहां इन पुड़ियांओं का सेवन करने वाली युवाओं की बड़ी जमात रहती है। चाहे वो हॉस्टल की बात हो या कॉरपोरेट ऑफिस की सभी की चौखट तक नशा बेहद आसानी से पहुंच जा रहा है। यहां हमने पाया कि सबसे गरीबी में जीवन गुजर बसर करने वाले झुग्गी ट्रक पैडलर सबसे महंगे कारोबार के सबसे सौदागर बनकर बैठे हुए हैं, जो नशे की बड़ी खैप मिनटों में उपलब्ध कराने क्षमता रखते हैं, लेकिन फुटपाथ के इर्दगिर्द रहने वाले इन पैडलरों की भनक नशे के खिलाफ अभियान चलाने वाले हुक्मरानों को नहीं है।
वल्लभ भवन, मंत्रालय, सतपुड़ा भवन
प्रदेश के सबसे बड़े हाई सिक्योरिटी जोन के सामने से आई चौंकने वाली तस्वीरें ये बताने के लिए काफी है कि सूबे में नशे के खिलाफ अभियान कितनी सख्ती से चल रहा है। हमारी तस्वीरों और पड़ताल में अभियान की धज्जियां उड़ रही है। मंत्रालय में बैठे तमाम नौकरशाहों को मंत्रालय के सामने से नशे के ये बड़े कारोबारी उन्हें मुंह चिढ़ा रहे हैं। मंत्रालय के सामने स्थित भीम नगर तंग गलियों के बीच ये कारोबार अरसे से पैर पसारे हुए हैं। इस कारोबार को महिलाएं ऑपरेट कर रही हैं। सरकारी दफ्तरों में नौकरी करने वाले नशे के आदी युवाओं को यहां आसानी से पुड़ मिल जाती है। तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा घरों ये कारोबार संचालित हो रहा है। हैरानी की बात ये है हाई सिक्योरिटी एरिया होने के बावजूद पुलिस और बड़े नौकरशाहों को इसकी भनक ना हो ये संभव नहीं है।
कलियासोत, पुल के पास ड्रग पार्टी
शहर से अब आपका रुख राजधानी में रैव पार्टियों और नशे के सेवन के लिए सबसे मुफीद जगह माने जाने वाले की सैर करवाते हैं। नशे के युवाओं के लिए भोपाल का ये इलाका सबसे सुरक्षित माना जाता है। खुला और फॉरेस्ट इलाके के चलते नशे की बदबू का असर यहां आसानी से नहीं समझा जा सकता। यहीं कारण है इस इलाके में सड़क किनारे छोटी-बड़ी चाय बिस्किट के नाम पर चल रही दुकानें नशे के आदि युवाओं को नशे की सामग्री चॉकलेट की तरह बेचे जा रही है। यहां पर युवा सुबह तड़के उस वक्त पहुंचते हैं जब यहां किसी की आमद नहीं होती है। इस इलाके में दर्जनों कॉलेज और यूनिवर्सिटी संचालित होती है, युवा यहां सुबह और ढ़लती शाम के बीच इन खूब सूरत वादियों में नशे के कश लगाते आसानी से नजर आ जाते हैं।
नशे के जद में कैसे आपके और हमारे भावी पीड़ी बुरी तरह चपेट में आ रही है इसका खुलासा भी हमें कैरवा कलियासोत जंगलों में पहुंचने पर हुआ, जहां पर नशे के आदि स्टूडेंट को न सिर्फ मादक पदार्थ आसानी से पुड़िया के रूप में मिल रहा है, बल्कि उसके सेवन के लिए सामग्री और सुरक्षित जगह भी उपलब्ध है। ये कोई और नहीं इस इलाके में छोटी-मोटी गुमटियां चलाने वाले ग्रामीण ही उपलब्ध करा रहे हैं। हैरानी की बात ये है ग्रामीण इलाकों की इन दुकानों पर सबसे ज्यादा युवाओं की भीड़ देखने को मिल जाती है। ये युवा यहीं बैठकर नशे के सेवन की सामग्री लेते हैं और यहीं कश लगाते है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में भी
देश की बड़ी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में शुमार NLIU के कई छात्र कैंपस के अंदर और बाहर मादक पदार्थों का सेवन करते पाए गए हैं। यहीं नहीं यूनिवर्सिटी के अंदर कई बार नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई है। यहां के कैंटीन में काम करने वाले पूर्व कर्मचारी और नशे की सामग्री विक्रेता ने यूनिवर्सिटी के अंदर होने वाली नशेखोरी के सारे राज हमारे सामने बेपर्दा कर दिए। वही इस इलाके में संचालित हर छोटी-बड़ी दुकान ने भी यूनिवर्सिटी में नशाखोरी करने वाले स्टूडेंट की कारगुजारियां बताई।
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