भोपाल. मध्यप्रदेश में मिशन 2023 (MP Election 2023) की तैयारी शुरू हो गई है. चुनावी साल में राजनीतिक पार्टी के दिग्गजों का एमपी दौरा हो रहा है. इसी कड़ी में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Visit Mandla) का एमपी दौरा हो रहा है. वे सुबह 11.50 बजे मंडला पहुंचेगी. प्रियंका मंडला में जनसभा से पहले चौगान की मढ़िया में दर्शन करेंगी. प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर एमपी बीजेपी ने ट्वीट कर तंज कसा है और कांग्रेस की लिस्ट को लेकर सवाल पूछा है.
दरअसल, एमपी विधानसभा (MP Election 2023) चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अभी तक अपने प्रत्याशियों की एक भी लिस्ट जारी नहीं कर पाई है. जिसको लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर हो रही है. इसी बीच जब प्रियंका गांधी एक बार फिर प्रदेश के दौरे पर आ रही हैं तो एमपी बीजेपी ने पूछा कि ‘क्या वे सूची निकलवा पाएंगी?’
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एमपी बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर लिखा, ”आज मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता कह रहा है, इन्तहा हो गई इंतज़ार की…दिल्ली से आ रहे कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भी मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची निकलवाने में विफल हुए. आज प्रियंका वार्डा एक बार फिर मध्य प्रदेश आ रही हैं क्या वे सूची निकलवा पाएंगी?”
बता दें कि प्रियंका गांधी मंडला पहुंचकर सभा के पहले वे शंकर शाह-रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी. नर्मदा पूजन के बाद वे आम सभा को संबोधित करेंगी. प्रियंका गांधी के साथ पीसीसी चीफ कमलनाथ भी मौजूद होंगे.
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है मंडला
आदिवासी बाहुल्य इलाका मंडला और महाकौशल अंचल में 38 विधानसभा सीट है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस 24 सीट पर जीती थी. 2018 के चुनाव में 38 में से 13 सीट पर बीजेपी और एक निर्दलीय जीते थे. 2013 के चुनाव में परिणाम इसके ठीक उलट था. बीजेपी 24, कांग्रेस 13 और 1 पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे.
आदिवासियों पर बीजेपी-कांग्रेस का फोकस
विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस वोट परसेंटेज पर फोकस कर रही हैं. बीजेपी ने पहले ही 51% वोट हासिल करने का टारगेट सेट किया है. वहीं कांग्रेस भी अपना वोट परसेंटेज बढ़ाने के लिए बैठकें कर रही है. MP Assembly Election 2023 के सियासी समीकरण आदिवासी वोट बैंक पर टिके हुए हैं. प्रदेश में विधानसभा की 230 सीट में से 47 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा भी कई सीटों पर आदिवासी वोटरों का खासा दखल है.
2 करोड़ है आदिवासियों की जनसंख्या
प्रदेश में आदिवासियों की कुल जनसंख्या 2 करोड़ से भी अधिक है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल इस वर्ग को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. एक ओर भाजपा सरकार ने योजनाओं की बौछार कर दी है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने आदिवासियों को साधने के लिए विशेष प्लान तैयार किया है.
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