कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, जबलपुर के बीजेपी नगर अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की एक लॉबी परेशान कर रही थी। वे बिना सेना के ही सेनापति थे।

भाजपा में टिकट बंटवारे के बाद मचा घमासान अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिकट बंटवारे के बाद मचे बवाल के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि पार्टी में अभी कुछ इस्तीफे हो सकते हैं, ठीक वैसा ही हुआ और आज बीजेपी के जबलपुर नगर अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह 21 अक्टूबर को भाजपा के संभागीय कार्यालय में घटित घटना से इतने आहत है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

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उन्होंने अपने आला नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि 21 अक्टूबर को संभागीय कार्यालय में हुई शर्मनाक घटना के आरोपियों को बुलाकर जिस तरह से अमित शाह से मिलाया गया, वह बेहद शर्मशार करने वाला है। प्रभात ने अपने ही नेतृत्व सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिस घटना के लिए जिन लोगों को पर कार्रवाई करनी थी उन्हें बुलाकर पार्टी नेतृत्व से मिलाया जा रहा है, जो मेरे लिए किसी अपमान से कम नहीं है। लिहाजा इन सब से आहत होकर मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

भाजपा की एक लॉबी कर रही थी परेशान- प्रभात साहू

भाजपा के जिला नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने एक और सनसनी खेज खुलासा करते हुए कहा कि उनके इस्तीफे का कारण सिर्फ वह घटना ही नहीं बल्कि वो कुछ समय से काफी उतार चढ़ाव भी झेल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस दिन से वह नगर अध्यक्ष बने हैं, उन्हें भाजपा की एक लॉबी लगातार परेशान कर रही थी। उन्होंने जिला नगर अध्यक्ष रहते हुए इस दौरान बहुत सारे उतार चढ़ाव देखें, लेकिन कभी इस बात की शिकायत नहीं की।

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प्रभात साहू ने अपने जिले के कुछ शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह भाजपा की लॉबी इतनी सक्रिय थी कि उनको नगर अध्यक्ष बनने के बाद उनकी नगर कार्यकारिणी तक नहीं बनाने दी गई। उन्होंने इस बात की शिकायत ऊपर नेतृत्व से भी की उसके बाद भी उनकी नगर कार्यकारणी नहीं बनाने दी गई।

बीना सिपाही के ही सेनापति थे प्रभात साहू

रविवार को प्रभात साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए बताया कि जिस दिन से वह नगर अध्यक्ष बने हैं उसके बाद से उन्होंने कोशिश की कि वह अपनी नगर कार्यकारिणी बना दे, लेकिन बीजेपी के जिले के एक शीर्ष नेतृत्व ने कभी उनको कार्यकारिणी बनाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर ऊपर भी बात की लेकिन कभी सहयोग नहीं मिला, अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या भाजपा के नगर अध्यक्ष बिना सेना के ही सेनापति थे।

आपको बता दें कि प्रभात साहू 1980 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। जबलपुर की पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से प्रभात साहू का नाम चल रहा था। लेकिन बीजेपी ने इस सीट से सांसद राकेश सिंह को मैदान में उतारा हैं।

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