दिनेश शर्मा,सागर। 21 वर्षीय जानकी गोंड सागर जिले की ग्राम पंचायत नाहरमऊ की रहने वाली है, उसे गांव वालों ने निर्विरोध सरपंच बनाया है. इस चुनाव के पीछे की कहानी दिलचस्प है. दरअसल जानकी ने चार साल पहले गौरव पटेल से लव मैरिज की थी और यहीं बस गईं. इस बार पंचायत चुनाव में नाहरमऊ ग्राम पंचायत को अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया. पूरे गांव में केवल जानकी ही इस वर्ग से संबंध रखती हैं. इसलिए ये सीट निर्विरोध उनके पास चली गई. इसके साथ ही पंच भी निर्विरोध चुने गए है.

जानकी

मध्यप्रदेश के सागर जिले के आदिवासी विकासखंड केसली में नाहरमऊ गांव है.  इस गांव में 21 साल की महिला जानकी गोंड को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच चुना है. उनके सरपंच चुनने के पीछे की कहानी दिलचस्प है. जानकी ने चार साल पहले नाहरमऊ के ही रहने वाले गौरव पटेल से लव मैरिज की थी. घर बस गया और जिंदगी चलने लगी. अब जब जानकी से कोई सवाल करता है, तो वे कहती हैं कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि वह कभी गांव की प्रधान बनेंगी. ये कुछ इस तरह हुआ है जैसे भगवान की ही मर्जी हो और सबकुछ अपने आप हो गया.

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ग्राम पंचायत नाहरमऊ अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित की गई थी. इसके बाद जब गांव में सरपंच प्रत्याशी की तलाश शुरू की गई, तो वहां सिर्फ जानकी ऐसी महिला निकलीं, जो इस वर्ग से ताल्लुक रखती हैं. जानकी का गांववालों और परिवार वालों ने हौंसला बढ़ाया और उन्हें निर्विरोध सरपंच बनाने का एक मत से फैसला किया.

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गौरतलब है कि अब आदिवासी विकासखंड केसली की नाहरमऊ ग्राम पंचायत प्रदेश की समरस पंचायतों में शामिल होगी. यहां पर जानकी निर्विरोध सरपंच और 16 पंच भी निर्विरोध चुने गए हैं. जिले की सबसे कम उम्र की सरपंच बनने का मौका जानकी को मिला है. निर्विरोध चुनाव होने महिला ही जनप्रतिनिधि बनने पर सरकार की तरफ से इनाम भी दिया जाएगा.

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