शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, सियासी पारा भी गरमाने लगा है। कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता रैली और जनसभा के जरिए प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं। इस बीच भाजपा के रणनीतिकार कहे जाने वाले अमित शाह की रणनीति पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
पीसीसी चीफ ने X पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा के रणनीतिकार अपने ही चक्रव्यूह में फंस गए हैं। भाजपा के दिल्ली दरबार और दरी बिछाने वाले कार्यकर्ताओं में जंग छिड़ी है। यही वजह है कि जबलपुर में एक तरफ भाजपा नेता अमित शाह बड़ी-बड़ी रणनीति और संगठन की बातें करते रहे तो दूसरी तरफ वहीं के भाजपा महानगर अध्यक्ष ने पार्टी में लगातार हो रहे अपमान के कारण पद से इस्तीफा दे दिया।
कमलनाथ ने आगे लिखा यह हाल अकेले जबलपुर का नहीं है, पूरे मध्य प्रदेश में भाजपा में इस बात पर रोष है कि प्रदेश में क्या सारे नेता अक्षम हो गए हैं जो दिल्ली उनके ऊपर थोपी जा रही है। मध्य प्रदेश में भाजपा अब सिर्फ भाषणों और विज्ञापनों में बची है, वह चुनाव लड़ने की रणनीति पर नहीं, बल्कि आपसी रण की नीति पर चल पड़ी है।
दरअसल, टिकट वितरण के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी में इस कदर बगावती तेवर संभवतः पहली बार देखने को मिल रही है। बगावत ऐसी कि आनन फानन में गृहमंत्री शाह को मध्य प्रदेश के तीन दिन के दौरे पर आना पड़ा। बागी नेताओं से कई घंटे चर्चा हुई, रूठों को मनाने की कवायद तेज हुई। शाह ने बागियों से चर्चा की, बावजूद जबलपुर के महानगर अध्यक्ष ने गुस्से में इस्तीफा दे दिया।
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