राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर फिर पेंच फंसता नजर आ रहा है। इस बार कोर्ट या सरकार की ओर से नहीं बल्कि पंचायत या नगरीय निकाय में पहले किसका चुनाव होगा, इसको लेकर हैं।
पंचायत विभाग ने आरक्षण कार्यक्रम जारी कर बढ़त तो बना दी किंतु आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने में नगरीय प्रशासन विभाग ने बाजी मारी है। जानकारी के अनुसार जिसकी तैयारी पहले पूरी होगी उसी विभाग के चुनाव पहले होंगे। ऐसे में नगरीय निकाय से पहले पंचायत के चुनाव हो सकते है। अब तक राज्य निर्वाचन आयोग से निकाय चुनाव पहले कराने के संकेत मिल रहे थे।
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वहीं इस मामले को लेकर पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर सरकार असमंजस में है। निर्वाचन आयोग भी असमंजस में है। कभी पहले पंचायत चुनाव की तैयारियां होती हैं तो कभी नगरीय निकाय चुनाव की। जैसा कह दिया जाता है वैसा होने लगता है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में ओबीसी आरक्षण ज्यादा था। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में 27% ओबीसी आरक्षण था, अब 14 प्रतिशत पर समेट दिया गया है। कमलनाथ सरकार का परिसीमन निरस्त करने के कारण यह स्थिति बनी है।
ओबीसी आरक्षण को कांग्रेस बनाएगी चुनावी मुद्दा
ओबीसी आरक्षण को कांग्रेस पार्टी चुनावी मुद्दा बनाएंगी। पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल का बड़ा बयान सामने आया है। कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण छीनने का काम हुआ है। हम इस मुद्दे को पंचायत स्तर तक लेकर जाएंगे।
नगरीय निकाय चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाएंगे।
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