शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित सरला मिश्रा मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सीबीआई जांच भी हो चुकी है। पहले भी जांच हो चुकी है। फिर से इन्वेस्टिगेशन का स्वागत है, कोई दिक्कत नहीं है।

एमपी में सरला मिश्रा कांड को लेकर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फिर से जांच होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस मामले में जांच हो चुकी है। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि भाजपा दुर्भावना से काम करती हैं। जितने भी इस तरीके के पुराने मामले हैं, जिसमें पहले जांच पूरी हो चुकी है, उन्हें फिर से निकाला जा रहा है। यह सरकार की दबाव बनाने की कोशिश है, लेकिन कांग्रेस ऐसे मामलों से डरने वाली नहीं है।

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सरला मिश्रा कांड की फाइल फिर होगी ओपन

दरअसल, सरला मिश्रा कांड की फाइल फिर से ओपन होगी। 28 साल बाद एक बार फिर मामले की जांच होगी। कांग्रेसी नेता सरला मिश्रा की रहस्यमयी मौत के मामले में तेरहवें सिविल जज सीनियर सेक्शन कोर्ट की जज पलक राय ने यह आदेश जारी किए।

19 फरवरी को हुई थी मौत

गौरतलब है कि 14 फरवरी 1997 को कांग्रेस पार्टी की महिला नेता सरला मिश्रा को भोपाल में गंभीर रूप से जलने की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। जहां पांच दिन बाद यानी 19 फरवरी 1997 को उनकी मृत्यु हो गई। उस समय बीजेपी ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था।

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27 फरवरी 1997 को CBI जांच की हुई थी घोषणा

प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री चरण दास महंत ने 27 फरवरी 1997 को इस मामले में सीबीआई जांच की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद कभी भी सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। भोपाल पुलिस ने 27 मार्च 2000 को इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि सरला ने डाइंग डिक्लेरेशन में किसी को भी अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया था। पुलिस के मुताबिक, सरला ने 15 फरवरी 1997 को सुबह 3.30 बजे दिए गए बयान में कहा था, ‘मैंने दो ढक्कन घासलेट डालकर आग लगा ली। हर काम में असफल होने के कारण तंग आकर मैंने खुदकुशी की। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। मुझे किसी ने नहीं जलाया, मैं स्वयं जली हूं।’

HC में सीबीआई जांच की याचिका खारिज

सरला मिश्रा के परिवार और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और फिर से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। 31 जनवरी 2006 को हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

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सरला मिश्रा के भाई ने जारी रखी कानूनी लड़ाई

सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने हार नहीं मानी और उन्होंने कानूनी लड़ाई जारी रखते हुए 2018 में फिर से कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया था कि पुलिस ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की, इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। वहीं फिर से फाइल ओपन होने पर अनुराग मिश्रा ने कहा कि एक अरसे के बाद फिर न्याय की उम्मीद जगी है। न्यायालय ने माना कि पुलिस ने जांच में लापरवाही की थी। मेरा सीधा आरोप है कि मेरी बहन की हत्या हुई थी। वहीं अनुराग ने मांग कि है तीन-तीन आईपीएस अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करें।

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