भोपाल। मध्य प्रदेश  में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आज मुख्यमंत्री का सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया। कई नामों के कयासों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने डॉ. मोहन यादव को प्रदेश का मुखिया घोषित कर दिया। इसी के साथ पार्टी ने 2 डिप्टी सीएम के नामों पर भी मुहर लगा दी। राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा डिप्टी सीएम के पद पर काबिज हुए हैं।

मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम का फॉर्मूला पहली बार नहीं अपनाया गया। इससे पहले अब तक चार बार प्रदेश को डिप्टी सीएम दिए जा चुके हैं। दो दशक पहले प्रदेश में उप मुख्यमंत्री का पद रखा गया था जिसके बाद इस बार दो डिप्टी सीएम का पद रखा गया है।

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अब तक कितने डिप्टी सीएम 

मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम की बात करें तो अब तक चार लोग उप मुख्यमंत्री रहे हैं। 30 जुलाई 1976 को जनसंघ की सरकार में प्रदेश को पहला डिप्टी सीएम मिला था। मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के कार्यकाल में बीरेंद्र कुमार सखलेचा डिप्टी सीएम बने थे। इनका कार्यकाल 30 जुलाई 1976 से 12 मार्च 1969 तक रहा।

इसके बाद अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में शिव भानु सिंह सोलंकी डिप्टी सीएम बने। फिर तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में सुभाष यादव 1993 से 1998 तक उप मुख्यमंत्री रहे। 1998 से 2003 तक जमुना देवी डिप्टी सीएम रहीं। और इस बार साल 2023 में  राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया गया है। 

बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सीएम की रेस में शामिल था। लेकिन पार्टी ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। 

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