राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। अंगदान (Organ donation) से कई जिंदगियां बचाई जा सकती है। इसका एक उदाहरण प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में देखने को मिला है। जहां एक बुजुर्ग के निधन के बाद परिजनों ने आर्गन डोनेशन का फैसला लिया। जिसके बाद भोपाल से इंदौर (Indore) तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकार किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) के लिए भेजा गया।

दरअसल, भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में 65 वर्षीय चंद्र भूषण सिंह की ब्रेन डेथ हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया। ब्रेन स्टेम डेथ की संभावित स्थिति को देखते हुए बुजुर्ग की पुत्री रुचि सिंह, उनके पड़ोसी डॉ संजीव जैन, भोपाल सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के डॉ राकेश भार्गव, हॉस्पिटल के डॉक्टर अमित सिंह और ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर श्री राम ने प्रोसेस को पूरा किया।

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जिसमें एक किडनी भोपाल के बंसल अस्पताल (Bansal Hospital) में ही एक मरीज को दी गई है। दूसरी किडनी इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल (Bombay Hospital) के प्रतीक्षा सूची में लंबित 55 वर्षीय महिला को मिली है। वहीं नेत्रदान हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) के मरीज को मिला है। भोपाल से इंदौर तक ग्रीन कॉरिडोर शाम करीब 6:12 पर शुरू हुआ।

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