कमल वर्मा, ग्वालियर। मुंबई से लापता एक ही परिवार के 4 बच्चों को तलाशने मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ग्वालियर शहर के माधव बाल निकेतन पहुंची। बताया जा रहा है कि चारों बच्चे आश्रम में रुके थे, वहां उन्हें एक ऑटो वाले ने छोड़ा था। लेकिन जब मुंबई पुलिस ऑटो चालक को लेकर आश्रम पहुंची तो बच्चे आश्रम में नहीं मिले। इससे आश्रम प्रबंधन भी सवालों के घेरे में आ गया है। वहीं पुलिस अभी बच्चों को तलाश में जुटी हुई है।

दरअसल, मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाना क्षेत्र में रहने वाले एक ही परिवार के चार बच्चे ट्रेन में सवार होकर ग्वालियर पहुंचे थे। वही ट्रेन में मिले एक मुरैना के युवक की सलाह पर वह स्टेशन उतर गए और ऑटो चालक दिलीप धाकड़ ने बच्चों को सड़कों पर असहाय घूमते हुए पाया तो माधव बाल निकेतन पहुंचाया। ऑटो चालक का कहना है कि उसने माधव बाल निकेतन में प्रबंधन को यह चार बच्चे, जिनमें तीन लड़कियां हैं और एक लड़का था। इन चारों को आश्रम में छोड़ा था, लेकिन जब मुंबई पुलिस रविवार को इन बच्चों को तलाशने पहुंची तो उन्हें बच्चें नहीं मिले।

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अमूमन माधव बाल निकेतन में पुलिस, आरपीएफ या कोर्ट के द्वारा बेसहारा लोगों को रखा जाता है। अगर आश्रम माधव बाल निकेतन में यह बच्चे सीधे तौर पर आ गए थे तो प्रबंधन को इसके बारे में महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस को सूचना देना था। लेकिन निकेतन प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। उसने बच्चों जैसे संवेदनशील मामले में ये लापरवाही क्यों बरती? यह साफ नहीं हो सका है। अब माधव बाल निकेतन का प्रबंधन बच्चों के अपने यहां रुकने की बात को ही नकार रहा है। लेकिन चर्चा है कि आसपास के सीसीटीवी कैमरों में ऑटो से यह बच्चे आश्रम तक आते दिखाई दिए हैं।

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यह सीसीटीवी फुटेज पुलिस कर्मियों के पास है। बताया जा रहा है कि बच्चे अपने माता-पिता के बीच आए दिन होने वाले झगड़े से परेशान थे। इसीलिए वह घर से बिना बताए निकल गए थे और दिल्ली की तरफ जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए थे। लेकिन रास्ते में उन्हें मुरैना का एक युवक मिला। उसने इन बच्चों को उनके पेटीएम के बदले अपना कुछ कैश भी दिया। जिससे यह बच्चे ऑटो से माधव बाल निकेतन पहुंचे थे। अब यह बच्चे कहां हैं। इसके बारे में किसी को कुछ जानकारी नहीं है। सबसे बड़ी लड़की है जो हाल ही में 18 साल की हुई है। बाकी उसकी दो छोटी बहनें है और सबसे छोटा एक भाई भी है। फिलहाल, पुलिस इन बच्चों को तलाशने में जुटी हुई है।

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