कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) में 25 जून को आम आदमी पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बड़ी सभा मेला ग्रांउड में प्रस्तावित थी। इस सभा में पार्टी के संयोजक व दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने परमिशन देने से इंकार कर दिया है। साथ ही आप पार्टी से कहा है कि वह 25 तरीख के अलावा कोई और तरीख तय करे।उसके बाद परमिशन पर विचार किया जाएगा। इससे आप पार्टी आग बबूला है और बीजेपी सरकार पर जमकर बरस रही है।

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दरअसल, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी आम आदमी पार्टी की नजर मध्य प्रदेश पर है। मिशन-2023 के लिए आम आदमी पार्टी ने महारैली और रोड शो का प्लान ग्वालियर से किया था। लेकिन उनके प्लान पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। प्रशासन ने उन्हें 25 जून को कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी है। प्रशासन ने CM के 24 जून को मेला ग्राउंड में सभा कार्यक्रम के चलते परमिशन निरस्त की है।

सरकार पर हमलावर हुई ‘आप’

परमिशन न दिए जाने पर ‘आप’ सरकार पर हमलावर है। आप की प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर रुचि गुप्ता कहा कि बीजेपी जान बूझकर उनकी सभा में रोढ़ा आटका रही है। प्रशासन BJP के दबाव में काम कर रहा है। प्रशासन भले ही अनुमति ना दे, फिर भी वो कार्यक्रम को करके रहेंगे।

बीजेपी ने किया पलटवार

आम आदमी पार्टी के आरोप पर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम शिवराज के कार्यक्रम का मेला ग्राउंड में होना पहले से ही निश्चित था। ऐसे में यदि परमिशन देकर आम आदमी पार्टी के कार्यक्रम को अचानक निरस्त किया जाता तो वह उस वक्त भी आरोप लगाने से नहीं चूकते। उन्हें कार्यक्रम करने से किसी ने नहीं रोका है। वह विधिवत प्रशासन से परमिशन ले और कार्यक्रम करें। ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी का मध्य प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है। अभी उन्हें बहुत मेहनत और काम करने की जरूरत है, ‘आप’ भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी हुई है। पहले वह अपने प्रदेश की हालत को देखे। सीएम केजरीवाल का एमपी में कोई जादू नहीं चलने वाला है। 2023 में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनेगी।

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बता दें कि ग्वालियर-चंबल वो इलाका है जिसे बीजेपी और कांग्रेस के गण के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है, जो इस इलाके से ज्यादा सीटें हासिल कर लेता है, सत्ता उसी की होती है। ऐसे में ‘आप’ का प्लान ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 सीटों को जीतने का है। जहां अभी कांग्रेस और बीजेपी 50-50 की पोजीशन यानी कि 17- 17 सीट पर काबिज है।

आम आदमी पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में इसलिए उतर गई है क्योंकि बीते नगरी निकाय चुनाव के दौरान उसकी ताकत में काफी इजाफा हुआ है, MP में जहां सिंगरौली में रानी अग्रवाल को महापौर पद पर जीत मिली है तो वहीं ग्वालियर चंबल अंचल में भी अपनी ताकत को आम आदमी पार्टी ने दिखाया है। ग्वालियर जिले के नगर पालिका और नगर परिषद में आप के 6 पार्षद जीते हैं। भिंड जिले के गोहद और आलमपुर में 1-1 पार्षद है। इसी तरह मुरैना नगर निगम में 01 और 01 पोरसा परिषद में पार्षद है। शिवपुरी और श्योपुर जिले में भी 01 पार्षद है। ग्वालियर निकाय चुनाव के दौरान AAP महापौर उम्मीदवार को 46500 वोट मिले थे। ग्वालियर चम्बल अंचल में आधा दर्जन से ज्यादा पार्षद उम्मीदवारों ने दूसरा स्थान हासिल किया था।

एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का था लक्ष्य

केजरीवाल की सभा बीते एक महीने से प्रस्तावित थी। आप का लक्ष्य एक लाख लोगों की भीड़ जुटाना और एक बड़ा रोड़ शो करने का प्लान था, जो एयरपोर्ट से सभा स्थल तक आता। इसके लिए पार्टी के लोग चंबल अंचल में लोगों को बुलावा देने के लिए घर-घर जा रहे थे। साथ ही छोटी-छोटी नुकड़ मीटिंग भी कर ली थी। लेकिन उसी मैदान पर 24 जून का सीएम का कार्यक्रम है, जिसको लेकर आप पार्टी को परमिशन नहीं दी गई है। जिस पर बवाल मचा हुआ है।

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