कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का ज्ञानवापी विवाद को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारे भगवान की पूजा नहीं हो पा रही है, सरकार हमारी नहीं सुन रही है न्यायालय भी सुनवाई नहीं कर रहा है। हम हिंदुओं के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। हमारा आव्हान है कि जो लोग भगवान विश्वेश्वर की पूजा करना चाहते हैं वे जब तक पूजा का अवसर नहीं मिल रहा है तब तक काशी में एक शिवलिंग भेजें ताकि हमारे मठ में रखकर उनकी पूजा प्रतीक के रूप में की जा सके। 

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मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर को लेकर बोले शंकराचार्य

मंदिर में VVIP कल्चर को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान कहते हैं सब मेरे प्रिय हैं तो फिर कोई ज्यादा प्रिय कोई कम प्रिया कैसे हो जाएगा। पैसे देकर वीवीआइपी कैसे बन रहे हैं लोग? आज आम जनता दर्शन नहीं कर पा रही है, यही वजह है कि दुखी होकर धर्मांतरण जैसी तस्वीर सामने आ रही है। मंदिरों में वीआईपी कल्चर हिंदू धर्म के सिद्धांतों के विरुद्ध है। जिन मंदिरों में देव दर्शन के लिए शुल्क लगाए गए हैं उन्हें इस सावन में खत्म हो जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इसके लिए अब बड़ी आवाज उठाई जाएगी। 

फिल्मों और उसके कंटेंट को लेकर हो रहे विवादों पर बोले शंकराचार्य

आज जो फिल्में बन रही हैं उसमें संवाद दृश्य और चित्रण सब ज्यादातर गलत है। कई ऐसी चीजें हैं, कपड़े संवाद दृश्य सब हिंदू धर्म की धारणाओं को बदलने वाले हैं, उनको खंडित करने वाले हैं, आस्था पर चोट करने वाले हैं। हाय धर्माचार्य ने खुद का सेंसर बोर्ड बना लिया है इस पर हम शोध कर रहे हैं। हमने पाया है कि हिंदुओं को चोट पहुंचाने के लिए ही इस तरह की फिल्म और उनमें दृष्टि डाले जा रहे हैं। 

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मदरसों को लेकर बोले शंकराचार्य

मदरसों में पढ़े हुए लोगों को वंदे मातरम बोलने में धरती मां के प्रति आदर्श जताने में भी परेशानी होती है। यह लोग जब नमाज पढ़ते हैं तो सऊदी अरब की तरफ मुंह कर के पढ़ते हैं, अब समझ सकते हैं उनकी निष्ठा कहां पर है। इसलिए वहां पर ऐसी गलत गतविधियां पनप जाती हैं। मदरसों पर बैन नहीं होना चाहिए, लेकिन मदरसों में गैर कानूनी गतिविधि चल रही है उस पर बैन होना चाहिए कठोर कार्रवाई होना चाहिए। मदरसा एक अध्ययन का केंद्र है हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है। 

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