भूपेंद्र भदौरिया, ग्वालियर। अक्सर आपने पुलिस को आपराधिक गतिविधियों से जूझते हुए देखा होगा. इसके अलावा आपराधिक प्रकरणों के निपटारे और अपराधियों के धरपकड़ के लिए भी परेशान होते हुए देखा होगा. लेकिन ग्वालियर पुलिस का एक अनोखा चेहरा सामने आया है. जिसमें पुलिस की भूमिका और एसडीओपी घाटीगांव के व्यक्तिगत प्रयास से एक घर टूटने से तो बचा ही साथ ही पति-पत्नी के बीच हुई सुलह से उनके बच्चे का भविष्य भी संभल गया.
ग्वालियर घाटीगांव एसडीओपी अक्सर लोगों के लिए अच्छा कार्य करने के लिए चर्चा में बने रहते हैं. इतना ही नहीं इनके द्वारा किए जा रहे क्षेत्र में कार्यों को लेकर भी लोगों के बीच पुलिस की छवि और भी अधिक बेहतर हुई है. इसी तरह का एक मामला जो कि उनके क्षेत्र में भी नहीं था फिर भी उन्होंने उस में व्यक्तिगत दिलचस्पी लेते हुए एक घर को टूटने से बचाया. मामला पति पत्नी के बीच विवाद का था. पति पत्नी के बीच का विवाद इतना बढ़ गया था कि दोनों ने अलग होने का फैसला ले लिया और जब यह मामला पुलिस की जनसुनवाई तक पहुंचा, तो एसडीओपी घाटीगांव ने व्यक्तिगत दिलचस्पी लेते हुए इस मामले को लेकर दोनों पक्षों से बातचीत की और पति पत्नी के बीच होने वाले विवाद को समझा.
विवाद की वजह समझने के बाद उन्होंने दोनों पक्षों को समझाइश दी और पति पत्नी के बीच भी सुलह कराई, जिसके बाद दोनों ने वरमाला पहनाकर एक दूसरे के साथ रहने का पुनः संकल्प लिया. एसडीओपी द्वारा किए गए इस कार्य से पति पत्नी का रिश्ता तो मजबूत हुआ ही साथ ही उनके बच्चे का भी भविष्य सुधर गया.
दरसल श्वेता धाकड़ निवासी डीडी नगर का विवाह इंदरगढ़ निवासी अनिल धाकड़ से 5 साल पहले हुआ था. पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद रहता था. इस दौरान दोनों के बीच कई बार बड़ी लड़ाई भी हुई और झगड़ा भी रोज-रोज की झगड़े और विवाद से तंग आकर दोनों ने ही अलग अलग होने का मन बना लिया था. दोनों ही अपनी शिकायत लेकर बीते मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे थे. जिसमें पत्नी द्वारा कहा गया था कि उसे अपने पति के साथ नहीं रहना है. सुनवाई के दौरान पता चला कि दोनों का एक बेटा भी है इस बात को लेकर एसडीओपी घाटीगांव ने दोनों पक्षों से बातचीत की. उन्होंने पति पत्नी दोनों से भी चर्चा की. काफी देर चर्चा करने के बाद विवाद की मुख्य जड़ समझ आई. जिसमें पता चला कि पत्नी श्वेता धाकड़ एमकॉम पास आउट है. और अनिल धाकड़ 11वीं पास है. इसी बात को लेकर किसी ना किसी बात को मुद्दा बनाकर दोनों के बीच विवाद होता रहता था. दोनों का एक बेटा भी है. पत्नी का कहना होता था कि आखिर बच्चे का भविष्य क्या होगा.
पूरा मामला जानने के बाद एसडीओपी ने दोनों पक्षों को बिठाकर 6 घंटे की समझाइश दी. इस दौरान उपनिरीक्षक अनवर खान और ससुराल मायके पक्ष से आए लोगों ने भी अपने अनुभव बताएं. साथ ही दोनों को अपने जीवन के अनुभव भी शेयर किए. जिसके बाद पत्नी अपने पति अनिल धाकड़ के साथ रहने के लिए राजी हो गई. और अपने बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों ने साथ रहने का फैसला किया. पति पत्नी द्वारा लिए गए निर्णय का सभी ने स्वागत किया. जिसके बाद वहां मौजूद सभी के सामने एसडीओपी संतोष पटेल ने दोनों को पुनः वरमाला डालकर रिश्ते में बंधने का संकल्प दिलाया. इसके साथ ही शॉल श्रीफल भेंट कर दोनों को नए जीवन के लिए शुभकामनाएं दी. साथ ही तुलसी का पौधा देकर पति पत्नी को नया जीवन नए सपनों और नए उल्लास एवं उत्साह के साथ शुरू करने की उचित सलाह भी दी.
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