कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के 4 आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया है। इनमें 2 परीक्षार्थी हैं और दो सॉल्वर शामिल है। कोर्ट ने चारों आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है।

दरअसल, व्यापम ने 15 सितंबर 2013 को आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था इसमें शिवपुरी लिंक रोड स्थित आईपीएस कॉलेज में अनिल कुमार और जगदीश कुमार जाट का परीक्षा सेंटर पड़ा था। यह दोनों परीक्षा देने नहीं पहुंचे और अपनी जगह सॉल्वर को भेज दिया। परीक्षा सेंटर पर जब फोटो का मिलान किया जा रहा था तो फोटो मिसमैच हो गया।

बड़ी खबरः दमोह जिले के SP को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने किया तलब, 12 दिसंबर को आयोग के सामने पेश होने नोटिस जारी

इसकी सूचना कम्पू थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने दोनों सॉल्वरों से पूछताछ की तो बताया कि अनिल कुमार की जगह उमेश चंद्र सोनकर और जगदीश कुमार जाट की जगह पवन कुमार मीणा परीक्षा देने आया था।

Exclusive: दमोह धर्मांतरण मामले में एक और बड़ा खुलासा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष पर गिर सकती है गाज, इधर धर्मांतरण रोकने संघ कर रहा ऑडिट

पुलिस से यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई के सुपुर्द हो गया। सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर चालन पेश किया और न्यायालय में ट्रायल पूरी हो गई। गौरतलब है कि सॉल्वर उमेश सोनकर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर, पवन कुमार मीणा राजस्थान के कोटा जिले का रहने वाला है। वहीं परीक्षार्थी जगदीश कुमार जाट और अनिल कुमार दोनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं। न्यायालय ने चारों आरोपियों को 4-4 साल की सजा सुनाते हुए उमेश और पवन पर 5100-5100 रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि अनिल कुमार और जगदीश पर 3500-3500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus