कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर (Gwalior) के एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) से राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास रोजगार निर्माण बोर्ड के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे (Former MLA Narendra Birthare) को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में बरी कर दिया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी शाहिद खां की पहले ही मौत हो चुकी है।
ये है पूरा मामला
पूरा मामला शिवपुरी जिले के पुलिस थाना पोहरी का है। दरअसल 2018 में तत्कालीन पोहरी टीआई और नरेंद्र बिरथरे के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। पंडाल में तेज आवाज में बज रहे लाउडस्पीकर बंद कराने से शुरू हुई यह बात धमकी भरे लहजे तक पहुंची थी। घटना की रिपोर्ट पुलिस ने 2 दिन बाद दर्ज कराई थी। पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
आरोप था कि मौके पर मौजूद तत्कालीन एसआई संजीव पवार से बिरथरे ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि “गाड़ी लेकर नवाबी दिखाने आए हो सिर्फ डेढ़ महीने हैं आपके पास, इसके बाद कहां रहोगे”, जिसे सुनकर एसआई थाने पहुंचा और टीआई को पूरी घटना बताई थी। बाद में टीआई सुरेंद्र सिंह सिकरवार फिर से पंडाल पहुंचे और पूर्व विधायक से सवाली अंदाज में पूछा कि “आपकी पार्टी आई तो बर्खास्त कर दोगे क्या? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि सरकार आने पर पोहरी से शिवपुरी ही भेजकर बता देना।
सबूत नहीं मिलने पर बरी
सुनवाई के दौरान MP-MLA कोर्ट में अभियोजन घटना में पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे की संलिप्तता साबित नहीं कर पाया। ऐसी स्थिति में कोर्ट ने शासकीय कार्य में बाधा साबित न होने की स्थिति में पूर्व विधायक बिरथरे को बरी कर दिया।
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