कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। आज देश दुनिया में कैंसर (Cancer) के मामले तेजी से बढ़ रहे है, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) जिले के घांटीगांव (Ghatigaon) ब्लॉक में एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां बरई पनिहार (Barai-Panihar) के अलावा दो दर्जन से ज्यादा पंचायतों में पानी (Water) कैंसर की वजह बन रहा है। जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बरई पनिहार इलाके के पानी में कैंसर कारक तत्व पाएं गए हैं। लोगों का दावा है कि यह बीते 10 साल में 50 से अधिक की मौत हो चुकी है। वहीं ग्राम पंचायत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों में 15 लोग कैंसर से मरे हैं।

पानी से कैंसर यह सुन कर आप भी हैरान रह गए होंगे। क्या वाकई में यह हो रहा है, इसे जानने के लिए वहां के आम लोगों के साथ ही कैंसर रोगियों से भी चर्चा की। अपने पिता को खोने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद पाठक का कहना है कि 2019 में उनके पिता की कैंसर से मौत हुई थी। इसके साथ ही जब उन्होंने आस-पास के गांव से डाटा जुटाना शुरू किया तो बीते 10 साल में 50 से ज्यादा लोगों की कैंसर से मौत होने की जानकारी सामने आई।

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मुकुंद के मुताबिक दो ऐसे युवाओं की भी कैंसर से मौत हुई, जिन्होंने कभी जिंदगी में बीड़ी सिगरेट पान तंबाकू तक नहीं खाया था। बरई ग्राम पंचायत के सचिव बादाम सिंह का कहना है कि अकेले बरई गांव में ही बीते कुछ सालों में 15 लोगों की कैंसर से मौत हुई है।

रिपोर्ट के बाद मचा हड़कंप

इधर केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में बरई पनिहार के गांवों के पानी में कैंसर कारक तत्व होने की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। अब तक प्रशासन बरई पनिहार में कैंसर से होने वाली मौतों के पीछे पानी को वजह नहीं मानता था। लेकिन सांसद ने जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने के बाद प्रशासन भी इस इलाके में पानी के ठोस इंतजाम करने की बात कह रहा है।

CMHO बोले- पानी का परीक्षण कराया जाएगा

वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामकुमार राजोरिया का भी मानना है कि यदि पानी में कुछ विशेष खनिज मिल जाए जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं और उनकी मात्रा भी बहुत ज्यादा हो तो ऐसी स्थिति में पानी कैंसर की वजह बन सकता है। मामला संज्ञान में आया है ऐसी स्थिति में स्थानीय सभी स्वास्थ्य प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी वहां के पानी का परीक्षण कराएगी।

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ग्रामीण ‘ब्लास्टिंग’ को मानते हैं मुख्य वजह

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार घाटीगांव ब्लॉक के पानी में कैंसर कारक तत्व आने के पीछे की वजह साल 1990 से 1992 के दौरान रेल लाइन बिछाने के लिए की गई ब्लास्टिंग को मुख्य वजह मानते है। इस दौरान 60 फीट अंदर तक एक लंबे ट्रैक पर ब्लास्टिंग जारी रही थी। जिसके बाद जमीन के अंदर कुछ ऐसा हुआ कि धीरे-धीरे यहां का पानी लोगों की मौत का कारण बनने लगा है।

जल समस्या हल करने सीएम कर चुके हैं ऐलान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पिछले दिनों बरई पनिहार के दौरे के दौरान यहां के जल की स्थाई समस्या हल करने के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान किया था। अब उम्मीद है कि यह रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन सीएम की योजनाओं को जल्द शुरू कराने की कवायद में जुटेगा।

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