कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। स्वर्ण रेखा नदी सौंदर्यीकरण और निष्पादन से जुड़ी जनहित याचिका मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने MP के अर्बन कमिश्नर ,ग्वालियर निगम कमिश्नर और स्मार्ट सिटी CEO को फटकार लगाई है। अर्बन कमिश्नर भरत यादव के आज पेश किए गए एफिडेविट पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। एफिडेविट में कमेटी गठित कर एक माह में आगे का एक्शन प्लान तैयार करने की बात कही गई है। 

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कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि “कोई काम न करना हो तो समिति गठित कर दो”,अर्बन कमिश्नर भारत यादव का कहना है कि कमेटी बना दी गई है, बहुत खूब…. इससे अच्छा और क्या काम होगा ? कोई काम न करना हो तो समिति बना दो, अगर समिति का निर्णय होगा तब उस पर एक्शन होगा। यह समिति वाला काम ही चल रहा है, इससे बड़ा कोई बहाना ही नहीं हो सकता है आप लोगो के पास,समस्या को बढ़ाने के लिए”. 

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बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अर्बन कमिश्नर के साथ निगम कमिश्नर, स्मार्ट सिटी CEO का एफिडेविट मांगा था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद स्वर्ण रेखा से जुड़े प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट एफिडेविट पर तलब की है। एफिडेविट में निगम और स्मार्ट सिटी को बताना होगा कि अब तक स्वर्ण रेखा नदी के लिए क्या किया? और आगे क्या बेहतर करने का प्लान है? कोर्ट ने स्मार्ट सिटी के खराब वर्क परफॉर्मेंस पर भी अलग से नाराजगी जताई है। वहीं अब मामले की अलगी सुनवाई 6 फरवरी को की जाएगी। 

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