कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गोरखी स्कूल में पढ़ाई की थी। इस स्कूल के जर्रे जर्रे में अटल जी की यादें समाई हैं। यहां के शिक्षक और छात्र खुद को गौरवशाली महसूस करते हैं। यही वजह है कि यहां के शिक्षक ही नहीं छात्र भी अटल जी की कविताओं का पाठ करते है। पूर्व पीएम के स्कूल का ऐसा असर है कि छात्र कविताओं का लेखन भी करने लगे है।
ग्वालियर के महाराज बाड़ा स्थित गोरखी स्कूल कोई सामान्य स्कूल नहीं है। जी हां इस स्कूल में देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी ने तीन साल तक पढ़ाई की थी। 1934 में अटल जी ने इस स्कूल में 6वीं कक्षा में दाखिला लिया था और साल 1938 में 8वीं क्लास तक पढ़ाई की थी। स्कूल अटल माहौल में डूबा है, यही वजह है कि स्कूल की शुरुआत सुबह अटल पूजन के साथ होती है। सभी शिक्षक और छात्र अटल जी के पूजन के बाद ही गतिविधियों की शुरुआत करते है।
इस स्कूल में अटल जी की यादें समाई है। 90 साल पहले जब अटल जी जिस कमरे पढ़ते थे उसे धरोहर बना दिया गया है। उस दौर में अटल जी यहां पेड़ के नीचे बैठकर कविताएं गुनगुनाते थे। आज ये स्कूल स्मार्ट बन चुका है। यहां सुबह शाम की पाली में करीब 2 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ाई करते हैं।
ये बच्चे कहते है कि उन्हें फक्र होता है, कि जहां अटल जी ने शिक्षा हासिल की उसी स्कूल में वे पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों का यह भी कहना है कि अटल का प्रभाव ऐसा है कि वे उनकी कविताओं के पाठ करने के साथ ही खुद भी कविताओं का लेखन करने लगे है।
स्कूल के छात्रों पर अटल जी का प्रभाव इस कदर है कि यहां का बच्चा-बच्चा अटल जी की कविताएं सुनता है। गौरतलब है कि ग्वालियर के लाडले सपूत अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन इन छात्रों ने शिक्षकों के साथ धूमधाम से मनाया है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक