कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. जयारोग्य अस्पताल ने 5 दिन में दूसरी बार जिंदा मरीज को मृत बता दिया. परिजनों ने जब सांस चलती देखा और हंगामा किया, तब जाकर अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को दोबारा भर्ती किया. लेकिन बार-बार हो रही इस तरह की लापरवाही से अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल जयारोग्य अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के आईसीयू में मरीज शिवकुमार उपाध्याय ब्रेन हेमरेज के कारण भर्ती थे. डॉक्टरों ने इलाज के दौरान अचानक उन्हें मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद से परिजनों का बुरा हाल होने लगा. मरीज को 20 मिनट तक बिना लाइफ सपोर्ट सिस्टम के रखा गया. मृत बताकर मरीज की पीएम कराने की तैयारी थी.
इसी बीच परिजनों ने मरीज को देखा, तो उसकी सांसे चल रही है. उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि शिवकुमार की सांस चल रही है, लेकिन डॉक्टर मान नहीं रही थे. जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया, तब जाकर जेएएच अस्पताल प्रबंधन ने दोबारा मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया. जिसका अभी इलाज चल रहा है.
बता दें कि इससे पहले जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) में शुक्रवार को भी इसी तरह की खबर आई थी. अस्पताल के डॉक्टरों ने जिंदा महिला जामवती को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. लेकिन पति निरपत सिंह राजपूत ने उसके सीने पर हाथ रखकर देखा तो धड़कन चल रही थी. उसने ये बात परिजनों को बताई. इसके बाद सभी महिला को दोबारा ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे. इसके बाद डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर हंगामा किया. इसके बाद डॉक्टरों ने महिला का इलाज शुरू किया, लेकिन वो बच नहीं सकी. उसकी मौत हो गई.
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