कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी कर कश्मीर के उप राज्यपाल मनोह सिन्हा (Deputy Governor Manoj Sinha) मुश्किलों में पड़ गए हैं। उप राज्यपाल सिन्हा के खिलाफ ग्वालियर की CJM कोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राकेश पाठक ने निजी परिवाद पेश किया है। जिसमें उन्होंने मनोज सिन्हा पर मुकदमा चलाने की अपील की है। 21 जून को मामले में अगली सुनवाई होगी।

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दरअसल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीती 23 मार्च को ग्वालियर के एक निजी विश्वविद्यालय में अपने सम्बोधन के दौरान बयान दिया था कि गांधी जी एजुकेटेड नहीं थे, शिक्षित नहीं थे,उन्होंने कहा था कि “मुझे नहीं लगता कि किसी में साहस है कि ये बात कह सके,लेकिन क्या आप जानते हैं उनके पास एक भी की यूनिवर्सिटी डिग्री या क्वालिफिकेशन नहीं थी,”हममें से कई लोग ये सोचते हैं कि उनके पास क़ानून की डिग्री थी, लेकिन उनके पास ये नहीं थी। उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी”

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परिवाद पेश करने वाले गांधीवादी डॉ राकेश पाठक का कहना है कि उनके द्वारा 24 मार्च को ही एक कानूनी नोटिस मनोज सिन्हा को भेजा गया था। इसकी एक कॉपी राष्ट्रपति को भी भेजी गई थी। इस कानूनी नोटिस के जरिए मनोज सिन्हा को कहा गया था कि उन्होंने जो बयान दिया है वह गलत है, क्योंकि गांधीजी ने लंदन से कानून की डिग्री हासिल की थी और वह लंदन के साथ दक्षिण अफ्रीका और भारत में रजिस्टर्ड बैरिस्टर थे, लिहाजा उनका बयान सीधे तौर पर राष्ट्रपिता की मानहानि को दर्शाता है। कानूनी नोटिस के जरिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा गया था, लेकिन मनोज सिन्हा के द्वारा माफी नहीं मांगी गई। यही वजह रही कि उन्होंने इस मामले में कोर्ट में निजी परिवाद पेश कर मनोज सिन्हा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाने का आग्रह किया है।

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