कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A के प्रावधान लाने पर सवाल खड़े किए हैं। गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज पर करारा हमला करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई से पहले भ्रष्ट आईएएस, आईपीएस और आईएफएस नौकरशाहों के खिलाफ जांच के लिए जांच एजेंसियों को मुख्यमंत्री से अनुमति लिए जाने का निर्णय दुखद है। इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए।
डॉ गोविंद सिंह ने पत्र में लिखा है कि सीएम के चुप्पी साधने से ऐसा लग रहा है कि इस निर्णय को अमल में लाने के पहले सरकार और भ्रष्ट नौकरशाहों के बीच कोई आर्थिक समझौता हुआ है। डॉ सिंह ने पत्र में यह भी लिखा है कि भ्रष्ट नौकरशाहों पर लगाम के लिए उन्हें जेल की हवा खिलाने, जमीन में गाड़ देने की गीदड़ भभकी देने वाले, अब उन्हीं के सामने यह आत्मसमर्पण क्यों किया? उन्होंंने पूछा, मुख्यमंत्री जी आखिर भ्रष्ट नौकरशाहों के सामने आपके आत्मसमर्पण का क्या कारण है? इसका जबाब दिया जाए।
डॉ गोविंद सिंह का कहना है कि भ्रष्ट नौकरशाहों पर कार्रवाई से पहले मुख्यमंत्री की मंजूरी लेना, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू जैसी भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाओं के अस्तित्व और प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा करता है, यदि यह निर्णय बदलना नहीं है तो सरकार को अब जांच एजेंसियों के दफ्तरों पर ताला ही लगा देना चाहिए। मुख्यमंत्री को इस मामले में अपनी मंशा स्पष्ट करना चाहिए कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 के विषय में प्रावधान लाने की आखिर जरूरत क्यों पड़ी?, क्या मुख्यमंत्री ने यह निर्णय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति से लेकर लिया है, जो कहते हैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा।
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा सवाल-
1.15 वर्ष के कार्यकाल में कितने भ्रष्ट नौकरशाहों, कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुए और कितने लंबित है?
2. आखिर निर्धारित सीमा अवधि में जांच कार्रवाई को पूरा क्यों नहीं किया गया?
3. मुख्यमंत्री क्यों ऐसे भ्रष्टाचारियों को बचाना चाह रहे हैं?
4. क्या मजबूरी छुपी है,इसे भी सार्वजनिक करें।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक