कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक पिता ने लाइलाज बीमारी से जूझ रही अपनी बेटी की खुशियों की खातिर उसकी शादी अनोखे तरीके से की। मोहना निवासी परिवार की 26 साल की बेटी को लाइलाज बीमारी ब्रेन डिसऑर्डर ने घेर लिया था। बेटी चलने फिरने में लाचार थी। 3 दिन पहले पिता ने बेटी को खुशी देने के लिए उसकी शादी करने का फैसला किया। रिश्तेदारों को फोन करके बेटी की शादी में बुलाया, मेहमान आ गए, सबके मन मे यही सवाल था कि आखिर दूल्हा कौन है। जब बारात आई तो लोग हैरान रह गए।
दरअसल दूल्हे के रूप में कन्हैया जी आए थे। कान्हा जी दूल्हा बनकर आए, उनके साथ बारातियों ने जमकर डांस भी किया। शादी की सारी रस्में हुई, बेटी विदा हुई लेकिन विदाई के बाद ही पिता के घर वापस आ गई और गोदी में अपने पति के रूप में भगवान कन्हैया को भी लेकर आई। बेटी की अनोखी शादी करने वाले पिता की खुशियों का ठिकाना नही था, लेकिन इन खुशियों में एक दर्द भी था।
भगवान के हाथ सौंपी बेटी की डोर
आसमान में आतिशबाजी, डीजे की थाप पर थिरकते लोग और ये नज़ारा किसी आम-ओ-खास आदमी की शादी का नहीं है। बल्कि ये नज़ारा अनोखी शादी का है, जी हां ये शादी है भगवान की। भगवान कृष्ण 2 दिन पहले ग्वालियर की 26 साल की सोनल राठौर से शादी रचाने आए। लाइलाज बीमारी से जूझ रही सोनल बचपन से बेड पर थी। परिवार के लोगों ने हर स्तर पर उसका इलाज कराया। लेकिन जब कोई फायदा नहीं मिला तो बेटी की फिक्र होने लगी। उसका सामाजिक संस्कार की जिम्मेदारी भी है। लिहाज़ा पिता ने अपनी बेटी की डोर भगवान के हाथ सौंप दी। बेटी सोनल का रिश्ता भगवान कृष्ण से कर दिया। सोनल के पिता शिशुपाल राठौर ने बताया कि बेटी की शादी, उसी धूमधाम से की है, जितनी और बेटियों की करेंगे। वहीं भाई भी बहन की इस शादी से खुश है।
जीजा के रूप में मिले भगवान कृष्ण
ग्वालियर जिले के मोहना के रहने वाले शिशुपाल राठौर व्यवसाई हैं। उनकी बेटी सोनल 26 साल से गंभीर बीमारी से जूझ रही है। 6 तारीख को उन्होंने अपने तमाम रिश्तेदारों को अचानक फोन किया और अपनी बेटी की शादी में 7 तारीख को आने के लिए आमंत्रित किया। रिश्तेदार भी शादी का निमंत्रण पाकर आश्चर्य में रह गए। कुछ रिश्तेदारों का कहना था कि ऐसा कौन युवक है, जो शारीरिक रूप से अक्षम बेटी से शादी कर रहा है। तो लड़की की बुआ ने चहकते हुए कहा कि अरे वृंदावन से स्वयं कन्हैया जी आ गए। सोनल की बहनें भी खुश हैं कि उनकी दीदी न सिर्फ दुल्हन बनी बल्कि भगवान कृष्ण जैसे पति मिले। सोनल की बहन का कहना है कि दीदी की खुशियों के साथ उनको जीजा जी के रूप में भगवान कृष्ण मिले हैं।
विदाई के समय रो पड़े परिजन
सोनल राठौर की शादी में बारात आई, भोज, मेहंदी, भांवर और विदाई हुई। वापस भाई मंदिर से विदाई करा कर घर भी ले आए। सभी रिश्तेदारों ने जश्न मनाया, खुशी साझा की और अंत में विदाई के समय जमकर रो पड़े। बहरहाल परिवार के लोगों ने इस उम्मीद के साथ अपनी बेटी की कन्हैया से शादी की है, कि अब वहीं उसे सहारा देंगे। इस शादी को देखने सुनने वाले भी पिता के फैसले की तारीफ कर रहे हैं।
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