कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला न्यायालय ने शादीशुदा महिला से दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत दी है। जबकि पीड़िता ने लगातार 8 साल तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस जमानत के पीछे न्यायालय के सामने नाबालिग आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि घटना के समय पीड़िता शादीशुदा थी और आरोपी की उम्र 16 साल थी।

ऐसे में पीड़िता ने नाबालिक का शोषण किया था और नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता है। पीड़िता ने अभी तक अपने पति को तलाक भी नहीं दिया है। ऐसे में पीड़िता की शिकायत सरासर गलत है, जिसे देखते हुए कोर्ट ने नाबालिक आरोपी को राहत देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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8 साल तक बनाए शारीरिक संबंध

 दरअसल 22 जुलाई 2024 को घाटीगांव थाना पुलिस ने दो बच्चों की मां शादीशुदा महिला की रिपोर्ट दर्ज की थी। महिला ने आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर एक युवक ने 8 साल तक शारीरिक संबंध बनाए। पति काम के सिलसिले में घर से बाहर रहता था। इस दौरान आरोपी अक्सर घर पर आता था और जल्द से जल्द शादी करने की बात कह कर दुष्कर्म करता रहा। 22 जुलाई को पीड़िता घर के बाहर खड़ी थी। तभी आरोपी वहां आया। पीड़िता ने जब शादी करने की बात कही तो आरोपी ने इनकार करते हुए जाति सूचक गालियां दी। 

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शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप झूठा- वकील

महिला की शिकायत के बाद 23 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी मामले में ग्वालियर जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। नाबालिक आरोपी के एडवोकेट मोहित भदोरिया ने कोर्ट को बताया कि शादीशुदा महिला तलाक देने के बाद या फिर पति की मौत होने के बाद ही दूसरी शादी कर सकती है।  ऐसे में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप सीधे तौर पर झूठा है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि युवक 8 साल से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। इस कथित अपराध को लेकर उसने एफआईआर दर्ज कराई है। 

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पीड़िता ने किया था नाबालिग का शोषण

इतने लंबे समय के बाद उसके द्वारा इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। इसका कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया। जबकि हकीकत यह है कि 8 साल पहले नाबालिक आरोपी की उम्र महज 16 साल की थी। वहीं पीड़िता की उम्र लगभग 27 साल थी। पीड़िता उस समय शादीशुदा भी थी। लिहाजा कानून तौर पर देखा जाए तो पीड़िता ने नाबालिक का शोषण किया था। उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए जो कि अपराध की श्रेणी में आते हैं। 

पति ने उस दौरान और अभी तक भी अपने पति को तलाक नहीं दिया है। ऐसे में पीड़िता के सभी आरोप गलत है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई और तर्कों के आधार पर नाबालिग आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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