कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर नगर निगम परिषद की बैठक में गुरुवार को कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों में जमकर नोकझोंक हुई। इस दौरान पार्षदों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। वहीं हंगामे के बीच महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों की मौलिक निधि को बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
ग्वालियर नगर निगम परिषद की बैठक में बीजेपी पार्षद देवेंद्र राठौर और एमआईसी सदस्य अवधेश गौरव आपस में भिड़ गए। जब दोनों के बीच विवाद तेज हो गया तो खुद सभापति को आसंदी से उतरकर नीचे आकर बीच बचाव करना पड़ा।
दरअसल विवाद तब शुरू हुआ जब किसी पार्षद ने सदन में कहा कि दीपावली के आसपास एक पार्षद निगम के स्टोर से एलईडी लाइट कार में रख ले गया। जबकि दीपावली के समय आधा शहर अंधेरे में रहा। इस मुद्दे को लेकर शुरू हुई बहस देखते ही देखते विवाद में बदल गई।
आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी के द्वारा ग्वालियर शहर के 110 स्थानों पर स्मार्ट एलईडी लगाने का प्रस्ताव आया था। जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद इस प्रस्ताव को वापस निगम आयुक्त के पास भेज दिया है। सभापति ने कहा कि जो प्रस्ताव आया है, वह डिटेल में नहीं था उसमें खामियां थी। इसलिए सुधार करके जानकारी मांगी गई है। वहीं एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव का कहना है कि सत्ता पक्ष के पार्षदों पर एलईडी भरकर ले जाने का आरोप बेबुनियाद है।
मौलिक निधि का प्रस्ताव सर्वसम्मति से हुआ पास, शासन स्तर पर लगेगी अंतिम मुहर
ग्वालियर नगर निगम परिषद की बैठक में सात बिंदुओं को लेकर बुलाई गई थी। लेकिन इससे पहले कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद स्थगन प्रस्ताव ले आए। जिसमें सड़क, पानी, बिजली और सीवर का मुद्दा गरमाया रहा। लगभग 3 घंटे की नगर निगम परिषद की बैठक के दौरान 2 घंटे तक स्थगन प्रस्तावों पर जमकर हंगामा होता रहा। परिषद को एक दो बार स्थगित करना पड़ा।
जिसके बाद एजेंट के 7 बिंदुओं पर चर्चा शुरू हुई। लेकिन इसपर भी जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान 4 बिंदुओं पर ही आज बहस हो सकी। जिसमें सबसे अहम और बड़ा मुद्दा पार्षद, मेयर और सभापति के मौलिक निधि बढ़ाने का रहा। चर्चा के बाद पार्षदों की मौलिक निधि 45 लाख रुपये की गई, तो वहीं महापौर और सभापति की 5 करोड़ मौलिक निधि के प्रस्ताव को पारित किया गया।
इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से बार-बार सभापति से निवेदन किया गया कि नगर निगम की हालत ठीक नहीं है, ऐसे में मौलिक निधि ज्यादा नहीं बढ़ाई जाए। क्योंकि शासन स्तर पर इसे रोक दिया जाएगा। जिससे परिषद की ही बदनामी होगी। लेकिन बहुमत के आधार पर नगर निगम के सभापति मनोज सिंह तोमर ने महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों की मौलिक निधि को बढ़ाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें