कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी है,लेकिन इस बीच कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए विजयपुर विधायक रामनिवास रावत ने कांग्रेस को खुला ऑफर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस चाहे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई कर सकती है। रामनिवास रावत से जब सवाल किया गया कि क्या जल्द आपकी विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होगा। इस सवाल के जवाब में रामनिवास रावत ने कहा मेरी सीट पर फिलहाल उपचुनाव नहीं है। क्योंकि मैंने अभी अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा को लेकर भी दो टूक शब्दों में कहा कि समय आने पर वह अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। फिलहाल ऐसा कोई माहौल नहीं है,रामनिवास रावत BJP के फैसले का भी इंतजार कर रहे हैं।

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रामनिवास रावत ने उन अटकलों पर भी विराम लगाया है,जहां सियासी चर्चा है कि शायद रामनिवास रावत इसलिए इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, क्योंकि वे कांग्रेस में वापसी कर सकते है। रामनिवास रावत ने इन अटकलों पर कहा है कि बात अब बहुत आगे निकल चुकी है। कांग्रेस का व्यवहार बिल्कुल ठीक नहीं है। हमारा कहना यह था कि आप कार्यकर्ताओं को पूछिए, कार्यकर्ताओं को महत्व दीजिए, कार्यकर्ताओं को आगे बढाइये, कांग्रेस में कार्यकर्ताओं का स्थान नहीं है। वहां फ्रेंचाइजी चलाई जा रही है। 

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रामनिवास रावत ने कहा कि फ्रेंचाइजी के माध्यम से वह पार्टी चला रहे हैं। उन्हें फुर्सत ही नहीं है, किसी व्यक्ति को देखने की। अब वे बीजेपी में सम्मिलित हो चुके हैं,अब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बन चुके हैं। लोकसभा इलेक्शन में जनता ने बीजेपी का साथ दिया है। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 29 की 29 सीटें BJP ने जीती है, इसलिए वे भारतीय जनता पार्टी में है और बीजेपी में ही रहेंगे।

कांग्रेस की सामने आई प्रतिक्रिया 

वही रामनिवास रावत के बयान पर कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राम पांडे का कहना है कि रामनिवास रावत ने भाजपा के लालच में फंसकर बीजेपी ज्वाइन की है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित बीजेपी के सभी बड़े नेताओं को भी इसकी जानकारी है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को स्वतः संज्ञान लेकर उनकी विधायकी निरस्त करनी चाहिए और वहां उपचुनाव कराया जाना चाहिए। लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा संविधान का अपमान करती है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रही है। 

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