कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में मादा टाइगर दुर्गा के तीन नन्हे शावकों को पहली बार खुले बड़े बाडे में बाहर निकला गया। इसी के साथ तीनों नन्हे शावकों का क्या नाम रखा जाए इसको लेकर जू प्रबंधन ने नाम आमंत्रित किए हैं। लेकिन सैलानियों ने भी ऐसे नाम सुझाए जिन्हें सुनकर मध्य प्रदेश की राजनीति में सियासी जंग शुरू हो गयी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शावकों के नामकरण की रेस में सैलानियों ने ज्योतिरादित्य, शिवराज और जयभान के साथ ही इमरती, साधना, सुमन और समीक्षा जैसे नामो को दौड़ मे शामिल करा दिया है।

ग्वालियर चिड़ियाघर में परंपरा के अनुसार आने वाले सैलानी टाइगर के नन्हे शावकों के नाम लिखित में बताते हैं। प्रबंधन उन सभी नाम को कलेक्ट्रेट में लकी ड्रा के जरिए बाहर निकालता है। लेकिन इस बार जू प्रबंधन के सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। क्योंकि सैलानियों ने यूं तो दर्जनों नाम सुझाव के रूप में दिए हैं। लेकिन एक नर और दो मादा शावकों के कुछ नाम मध्य प्रदेश की राजनीति के दिग्गज नेताओं के भी लिख दिए। सबसे पहले आपको उन नामों से परिचय कराते हैं जो नामकरण की दौड़ में शामिल हो गए हैं।

नर शावक के लिए

शिवराज सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री

नरेंद्र सिंह तोमर- विधानसभा अध्यक्ष मध्य प्रदेश

ज्योतिरादित्य सिंधिया- केंद्रीय मंत्री

जयभान सिंह पवैया- पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र सह प्रभारी

दो मादा शावकों के लिए 

इमरती देवी- पूर्व मंत्री

समीक्षा गुप्ता- पूर्व महापौर

सुमन शर्मा- भाजपा वरिष्ठ नेत्री और महापौर चुनाव लड़ने वाली भाजपा प्रत्याशी

साधना सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी

अब सैलानी तो नाम लिखकर चले गए, लेकिन सुझाए गए इन नामों के साथ ही मध्य प्रदेश की सियासत में बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। एमपी के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि निश्चित रूप से लोग अच्छा काम करते हैं, तो अच्छे रूप में उन्हें याद भी करते हैं। कांग्रेस इन नाम के जरिए बीजेपी को गिराने की कोशिश कर रही है। 

वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ राम पांडे का कहना है कि सैलानियों ने जो नाम सुझाये हैं उनमें भाजपा के दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। जनता इन नेताओं से त्रस्त हो चुकी है। वह चाहती है कि यह सभी नेता अब चिड़ियाघर में बंद कर दिए जाएं। टाइगर एक हिंसक जानवर होता है। ऐसे में मध्य प्रदेश के यह सभी नेता भी जनता के लिए हिंसक हैं। जनता ने नाम लिखकर इन नेताओं की सही जगह दिखाई है।

बहरहाल आपने देखा भी होगा कि जब नेताओं का अपने इलाके में दौरा होता है तो कई बार उनके फोटो के साथ टाइगर का फोटो लगाया जाता है। ‘आया आया शेर आया’ जैसे नारे भी ग्वालियर चंबल-अंचल के दिग्गज नेताओं के आने पर लगाए जाते हैं। लेकिन पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि टाइगर के शावकों के नाम की रेस में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के नाम भी दौड़ में शामिल हैं।

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