कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के प्रखर परमार हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी करन वर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन विभाग के नगर निगम कमिश्नर ने करन वर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी है। साथ ही दो आरोपियों के घर पर प्रशासन का हथौड़ा चला है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही। वहीं घर की महिलाओं ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया।
29 दिसंबर को यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने निगम कर्मी करण वर्मा और उसके दो साथी हर्षित सक्सेना और भानु वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मंगलवार शाम को आरोपियों ने 23 साल के प्रखर परमार का अपहरण कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं आज हत्या के मुख्य आरोपी करन वर्मा को नगर निगम कमिश्नर ने बर्खास्त कर दिया।
गुरुवार को ही प्रखर के परिजनों ने आरोपियों के मकान तोड़ने को लेकर चक्काजाम किया था। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। वहीं शनिवार को हत्या के मुख्य आरोपी करन वर्मा और भानु वर्मा के बहोड़ापुर स्थित इंदिरा नगर कॉलोनी में बने मकानों को प्रशासन ने तोड़ दिया है।
दरअसल, 27 दिसंबर को करण वर्मा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर मशहूर कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने वह छत्तीसगढ़ नंबर पर रजिस्टर्ड कार में उसके शव को डिक्की में रखकर उत्तर प्रदेश के झांसी ले गए, जहां शिवपुरी बाजार अंतर्गत सुनसान इलाके में उसके शव पर पेट्रोल डालकर जला दिया। मृतक के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी विश्वविद्यालय थाना पुलिस में दर्ज कराई थी। पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी हुई थी। इसी दौरान संदेह के आधार पर नगर निगम में कर्मचारी करण वर्मा को राउंडअप किया और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या करने की बात कबूल की।
करन ने बताया कि उसके साथ भानु और हर्षित ने भी वारदात में उसका साथ दिया है। हत्या करने के पीछे की वजह उसने बताया कि प्रखर के पिता प्रशांत परमार ने शहर के एक इलाके में भवन निर्माण की अनुमति कराने के लिए उसे साढ़े 7 लाख रुपये के साथ डेढ़ लाख रुपये उधार दिए थे। भवन निर्माण की अनुमति ना होने पर प्रशांत परमार लगातार रुपये वापस करने के लिए दबाव बना रहा था। जिसका बदला लेने के लिए उसने प्रखर की हत्या की है। हालांकि पुलिस ने आरोपी द्वारा बताई गई कहानी पर संदेह जताया है। यही वजह है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रखर ने परिजनों ने हत्यारों के घर तोड़ने को लेकर गुरुवार को जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले पर विचार करने के बाद कार्रवाई की बात कही थी।
बता दें कि प्रशांत परमार मशहूर कॉलेज संचालक हैं जिनके देशभर में कई कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रशांत ने ही करण वर्मा की खराब माली हालत को देखते हुए उसकी पढ़ाई लिखाई कराई थी। वहीं नगर निगम में नौकरी भी लगवाने में उसकी मदद की थी और करण वर्मा ने महज कुछ रुपयों की लालच में आकर प्रशांत के बेटे प्रखर को मौत के घाट उतार दिया।
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