कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट एक बार फिर विवादों में आ गया है। हाउसिंग बोर्ड, प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे पेड़ों की शिफ्टिंग करा रहा है। लेकिन पर्यावरणविद प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं। जिसको लेकर आज प्रोजेक्ट को ग्राउंड जीरो पर देखने के लिए संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, वन विभाग के साथ प्रोजेक्ट से जुड़े आधिकारी और पर्यावरणविद् पहुंचे।

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लंबी विभागीय और कानूनी प्रक्रिया के बाद शुरू होते ही ग्वालियर का थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट फिर विवादों में आ गया है। यहां काम कर रही कंपनी पर पेड़ों को गलत तरीके से कटाने और उनकी संख्या छुपाने का आरोप है। जिसको लेकर पर्यावरणविदों के एक डेलिगेशन ने संभागीय आयुक्त से शिकायत की थी, जिसको लेकर आज आयुक्त ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। इस दौरान आयुक्त ने आदेश दिया है कि कोई पेड़ काटने या ट्रांसप्लांट करने पर उसकी जीओ टैगिंग और फोटोग्राफी कराई जाए।

आयुक्त ने टैगिंग के साथ-साथ एक थर्ड पार्टी कमेटी का भी गठन कर दिया है, जो पूरे काम की मॉनटरिंग करेगी। वहीं पर्यावरण विदों का कहना है, उन्हें भी उस कमेटी में जोडा जाए, वो पेड़ों की कटाई इस तरह से नहीं देख सकते है। मामला हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच भी पहुंच चुका है। जिसमें 1080 पेड़ों में से सिर्फ 79 को काटने और 329 को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के आदेश दिए थे।

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बता दें कि ग्वालियर के थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट में पहले चरण में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से 376 फ्लैट, स्कूल बिल्डिंग, कार्यालय काम्प्लेक्स और कम्युनिटी सेंटर के निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन यहां पर लगे पेड़ों की शिफ्टिंग को लेकर विवाद बढ़ा हुआ है।

क्या है थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट?

  • पुनर्घत्वीकरण योजना के अंतर्गत थाटीपुर की 30.06 हैक्टेयर शासकीय भूमि पर विकास कार्य प्रस्तावित हैं।
  • योजना के अंतर्गत सबसे पहले कर्मचारियों के 800 आवास, आफिस और स्कूल का निर्माण प्रस्तावित है।
  • योजना में 79 बड़े पेड़ों को काटा जाएगा, जबकि 329 पेड़ों को दूसरी जगह उखाड़कर शिफ्ट किया जाएगा।
  • इससे पहले वनविभाग द्वारा कैंसर पहाड़ी पर 800 पौधों का रोपण किया जाएगा।
  • इस परियोजना में 95 प्रतिशत पेड़ यथावत रहेंगे
  • इस पूरी परियोजना को ग्रीन बिल्डिंग कोड के आधार पर बनाया जाएगा।

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