कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने ग्वालियर-चंबल अंचल के 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है। भिंड निवासी हरिओम ने इन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता पर सवाल उठाते हुए जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने जांच कमेटी बनाकर कॉलेजों का निरीक्षण करवाया। कमेटी ने अंचल के 200 कॉलेज की जांच में पाया कि ज्यादातर कॉलेज मान्यता के मानकों का पालन पूरा नहीं कर रहे हैं। इनके पास न तो भवन है और न इन कॉलेज में अस्पताल है। कुछ कॉलेजाें में अस्पताल हैं, लेकिन वहां न डॉक्टर मिले और न मरीज।
बता दें कि भिंड निवासी हरिओम ने वर्ष 2021 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने तर्क दिया है कि अंचल में नर्सिंग कॉलेजों को नियम विरुद्ध मान्यता दी गई है। कॉलेज के पास न अस्पताल हैं, न बेड की व्यवस्था है। कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे हैं। इनकी मान्यता निरस्त की जाए। इस पर नर्सिंग काउंसिल की ओर से तर्क दिया गया कि पिछले व वर्तमान सत्र में 271 कॉलेजों काे मान्यता दी गई है। मान्यता देने से पहले पूरे नियमों को परखा गया था।
वहीं कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि कॉलेजों की वास्तविक स्थिति पता करें, इसके लिए आयोग बनाया जाए। आयोग के सदस्य कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे, लेकिन आदेश के खिलाफ प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया। हाई कोर्ट को जांच के लिए फिर से कमेटी बनाने का आदेश दिया था। नर्सिंग काउंसिल ने 30 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई है। इस कमेटी ने अंचल के 200 कॉलेजों का निरीक्षण किया। नर्सिंग काउंसिल ने रिपोर्ट पेश कर दी थी। साथ ही कॉलेजों पर कार्रवाई के लिए समय लिया था। अब इन पर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
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