कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। 2023 विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर के उन रहवासियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है, जो लम्बे समय से अपनी कॉलोनी को वैध होने का सपना देख रहे थे। नगर निगम ने 100 नई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद तेज कर दी है। शहर की 429 के लगभग अवैध कॉलोनियों में से 110 अवैध कॉलोनियों को पहले ही वैध किया जा चुका है। अब दूसरे फेज में नई अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना है। इसको लेकर संबंधित क्षेत्र के भवन अधिकारी और पटवारी मौका मुआयना कर प्रकरण तैयार कर रहे हैं। संभावना है कि इस महीने के आखिरी तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा, इसके साथ ही 100 नई अवैध कॉलोनियां वैध हो जाएंगी।
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के आदेश दिए थे। इसके साथ शर्त रखी गई थी कि वैध होने वाली अवैध कॉलोनी 31 दिसंबर 2016 के पहले बसाई गई हो, साथ ही एक निर्धारित प्रतिशत में यहां बसावट हो, लेकिन कानूनी पेंच में फंसने के कारण यह मामला लटक गया था, उस समय नगर निगम ने 650 से अधिक अवैध कॉलोनियों पर काम किया था। इनमें से 429 कॉलोनी ही वैध होने के दायरे में सही पाई गई। हाल ही में नगर निगम ने 110 अवैध कॉलोनियों को वैध किया है। प्रदेश के बड़े नगरीय निकाय भी इस मामले में पहल नहीं कर पाए हैं, जबकि ग्वालियर निगम पहले फेज में 110 और अब 100 नई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इसको लेकर विधानसभा वार कॉलोनियों के नाम भी सूची में शामिल किए गए हैं।
गौरतलब है कि नियम के अनुसार, अवैध कॉलोनियों को वैध करने से पहले निगम के अधिकारी सबसे पहले उन कॉलोनियों को सूची में शामिल करेंगे, जिनमें सड़क सीवर, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो। इसके बाद सुविधाओं के लिए एस्टीमेट बनाकर विकास शुल्क का निर्धारण किया जाता है। विकास शुल्क इन कॉलोनियों के निवासियों से भवन निर्माण मंजूरी के दौरान वसूल किया जाता है। साथ ही जो मकान बन चुके हैं, उनके समझौता शुल्क के साथ इस राशि की वसूली की जाती है।
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