कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कहते है कि जब सोच अच्छी हो औऱ कुछ कर गुजरने का तय कर लो, तो कठिन रास्ते भी आसान हो जाते है। कुछ ऐसा ही ग्वालियर के एक युवा ने कर दिखाया। ग्वालियर के इस युवा ने बुजुर्ग बेसहाराओ के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। सेवा में बाधा न बने इसलिए इस युवा ने शादी भी नही की। सेवा और समर्पण के लिए इस युवा को साल 2023 में सरकार ने “ग्वालियर गौरव सम्मान” भी दिया है। 

ग्वालियर में स्वर्ग सदन आश्रम

दरअसल ग्वालियर में स्वर्ग सदन आश्रम है, जहां देश के अलग अलग कोने से भूले-भटके  आए 70 से ज्यादा बेसहारा लोग अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। इस आश्रम को युवाओं की टीम चलाती है। ग्वालियर के रहने वाले युवा विकास गोस्वामी ने 8 साल पहले बेसहारा और बुजुर्गों को परेशान होते देखा तो उनका दिल भर आया। उसी दिन से उन्होंने ये तय कर लिया था कि अपना पूरा जीवन ऐसे लोगों की सेवा में लगाएंगे। विकास ने धीरे-धीरे बेसहारा लोगों की सेवा करना शुरू किया उसके बाद थोड़े ही दिनों में उनके साथ युवाओं की टीम जुड़ती गई। करीब एक दर्जन से ज्यादा युवाओं की टीम ने आगे चलकर स्वर्ग सदन आश्रम स्थापित किया। 

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सेवा में बाधा न बने इसलिए नहीं की शादी

देश के अलग-अलग कोनों से भटक कर आने वाले बेसहारा, दिव्यांग और बुजुर्गों को युवाओं की टीम ग्वालियर स्थित अपने आश्रम में लेकर आती है और उनकी सेवा करती है। पिछले 8 साल में विकास और उनकी टीम ने देश भर से भटक कर आए 100 से ज्यादा लोगों को अपने घरों तक पहुंचाया है और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। सेवा में बाधा न बने इसलिए विकास ने शादी भी नही की। 24 घंटे इन बेसहारा लोगों के बीच सेवा करता है।

ग्वालियर स्वर्ग सदन आश्रम में करीब 70 लोग रह रहे हैं। देश के अलग अलग कोने से भटक कर आए इन लोगों में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल है। स्वर्ग सदन की टीम इन बुजुर्ग, बेसहारा और लाचार लोगों को अपने हाथों से नहलाते हैं, अपने हाथों से ही खाना भी खिलाते हैं। बीमारों का इलाज कराते हैं सेवा करते हैं। इनका दिल बहलाने और फिट रखने के लिए खेल भी खेलते हैं।और जब ये बेसहारा लोग रूठ जाते हैं तो इन्हें मनाने के लिए संगीत का इंतजाम भी यहां मौजूद है। विकास के जज्बे से प्रभावित करीब एक दर्जन युवा सेवा भाव के लिए इनके साथ जुड़ गए है।

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ग्वालियर में रहने वाली समाजसेवी विवाह आनेजा ने विकास के सेवा भाव और बुजुर्गों के प्रति समर्पण को देखा तो वह भी इनके साथ काम में जुड़ गई। विवाह अनेजा उर्फ जूली इस आश्रम में मौजूद 70 लोगों के लिए सुबह और शाम के वक्त अपने घर से खाना बना कर लाती है। जूली का कहना है कि बेसहारा बुजुर्ग लोगों की सेवा करने से उन्हें सुकून मिलता है।

ग्वालियर के युवाओं की टीम अपने सपनों को दरकिनार कर बेसहारा, लाचार और बुजुर्गों की सेवा में अपना जीवन लगा रहे है, ये युवाओं की टीम जो नेक काम कर रही है, उससे अन्य लोगों को भी ऐसे ही समाज के उत्थान औऱ अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलेगी।

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