कपिल शर्मा, हरदा। मध्यप्रदेश की आशा कार्यकर्ता अपनी कई मांगों को लेकर छह दिवसीय हड़ताल पर हैं। हड़ताल के दूसरे दिन जिला अस्पताल परिसर में आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि दो हजार में दम नहीं, 15 हजार से कम नहीं।

आशा कार्यकर्ता सालों से स्थायी कर्मचारी, नियमित वेतनमान और सामाजिक सुरक्षा के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसे लेकर एक बार फिर सोमवार को जिले में कार्यरत करीब 500 से अधिक आशा कार्यकर्ता 14 से 19 नवंबर तक हड़ताल पर है। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

जनजातीय गौरव दिवस: राष्ट्रपति ने MP में लागू किया पेसा कानून, सीएम शिवराज बोले- यह एक्ट किसी के खिलाफ नहीं

हल्ला बोल हल्ला बोल आशाओ का हल्ला बोल…

मामा तेरे राज में आशा आ गई रोड पे..

दो हजार में दम नहीं 15 हजार से कम नहीं…

एक दो तीन चार सारी आशा है तैयार…

चाबी है ना छल्ला है आशाओं का हल्ला है…

संगठन की ब्लाक अध्यक्ष अनिता चावड़ा ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का स्थाई मानदेय दिया जाए। कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपये और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपये दिया जाए। हमारी नियुक्ति 2005 से की गई है, तब से हमें 2 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। हमारी 6 दिवसीय प्रदेशव्यापी हड़ताल चल रही है। जिसमें दूसरे दिन आज हमने सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया।

MP में 5 पुलिसकर्मी निलंबित: मां विजयासन मंदिर में 10 लाख की चोरी मामले में गिरी गाज

उन्होंने बताया कि टुकड़ों में मानदेय दिया जाता है, जो हमें नहीं चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपये एकमुश्त चाहिए। सरकार जल्द से जल्द हमारी मांग पूरी करें। यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती तो प्रदर्शन जारी रहेगा।

साथ ही बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अलावा जनपद, ग्राम पंचायत, बाल विकास विभाग में काम कराया जाता है। हम सरकार से निवेदन करते है कि हमसे सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का काम कराया जाए, अन्य कोई और काम न दिया जाएं।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus