अखिलेश बिल्लौरे, हरदा। मृत्यु के बाद भी राह आसान नहीं है। जी हां… मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मुक्तिधाम में शव यात्रा ले जाना दुभर हो गया है। जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कच्ची सड़क की दुर्दशा और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तब जाकर अंतिम संस्कार होता है।

दरअसल, हरदा जिले के टिमरनी विकासखंड के ग्राम झाड़बीड़ा में मुक्तिधाम मार्ग पर कीचड़ ही कीचड़ है। घुटने घुटने तक कीचड़ के बीच शव यात्रा की ये तस्वीरे विकास की गाथा बता रही है। स्कूल के बच्चे भी इस मार्ग से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे है। गांव में जब किसी का देहांत होता है तो मुक्तिधाम पहुंचने में घंटों लग जाता है।

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एक किलोमीटर तक घुटने तक भरे कीचड़ से होकर अर्थी को ले जाना होता है। वहीं किसान भी बारिश के दिनों में अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाते। जिससे कई बार फसलें देखभाल के अभाव में खराब हो जाती है। साथ ही इस मार्ग से स्कूल आने जाने वाले बच्चे भी खासा परेशान होते है। कीचड़ में बच्चों की यूनिफॉर्म तक खराब हो जाती है। जिससे कई बार बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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