कुमार इंदर, जबलपुर। नए कानून में संशोधन के बाद नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 के तहत मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पहला आदेश दिया है। जिसके तहत HC ने नरसिंहपुर के गोटेगांव पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यदि इस मामले में कोई FIR नहीं बनती है तो पुलिस याचिकाकर्ता को इसकी भी एक लिखित कॉपी दे और उसमें बताएं कि मामला नहीं बनता तो क्यों नहीं बनता ताकि उस आधार पर याचिकाकर्ता आगे की कार्रवाई कर सके।

कोर्ट में क्या कहा गया

दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता अमीश तिवारी ने 7 मई 2024 को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर याचिकाकर्ता ने फिर 21 में 2024 को एसपी के समक्ष प्रस्तुत होकर मामले की एफआईआर कराई, लेकिन जब उस पर भी कोई कार्रवाई और संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पीड़ित ने हाईकोर्ट का रुख अख्तियार किया है। जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए संबंधित थाना और जिला एसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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ये है पूरा मामला

दरअसल, याचिकाकर्ता अमीश तिवारी ने याचिका के माध्यम से बताया है कि नरसिंहपुर निवासी गुरु शरण शर्मा द्वारा बागेश्वर धाम के गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके परिवार की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी। जिसमें उनके परिवार को नंगा कर देने की धमकी भी दी गई थी। याचिकाकर्ता ने बाकायदा इसके बाबत आरोपी का एक यूट्यूब लिंक भी कोर्ट को प्रोवाइड किया है। जिसमें यह कहा गया है कि गुरु शरण शर्मा द्वारा बागेश्वर धाम पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर वह बेहद आहत है और इसी बात को लेकर उन्होंने गोटेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

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मामले में सरकार की आपत्ति भी हुई खारिज

इस मामले की सुनवाई के द्वारा मध्य प्रदेश सरकार की ओर से याचिकाकर्ता की पिटीशन को प्रचलित में न होने का कहकर खारिज करने की कोशिश कराई गई, लेकिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार के पक्ष को नजरअंदाज करते हुए इस याचिका पर सुनवाई की।

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