हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरु कर दी है. प्रदेश में तीसरी लहर ने आए इसके लिए दूसरी लहर से आई परेशानी को समझते हुए उन कमियों को दूर करना पहली प्राथमिकता है, ताकि किसी भी पीड़ित को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. गुरुवार को स्वास्थ्य अतिरिक्त सचिव मोहम्मद सुलेमान अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेने इंदौर पहुंचे. स्वास्थ्य अतिरिक्त सचिव ने कहा कि वैक्सीनेशन महाभियान, तीसरी लहर के साथ ही डेल्टा प्लस वैरिएंट की तैयारियों को लेकर अधिकारियों से चर्चा की. मोहम्मद सुलेमान ने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सरकार की आगामी तैयारियों की जानकारी दी.

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चर्चा के दौरान अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अभी यह तय नहीं है कि तीसरी लहर आएगी या नहीं, अगर आएगी तो इसका दायरा कितना रहेगा, लेकिन हम इससे निपटने के लिए कोई कोर-कसर नही छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने स्पष्ट किया कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ तो तीसरी लहर आने में देर नहीं लगेगी. जिसका असर विशेषकर बच्चों पर पड़ेगा. यह तय है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहेगी और हम इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करते रहेंगे. अस्पतालों में सुविधाएं जुटाने का काम किया जा रहा है, आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. साथ ही दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएंगे. मेडिकल स्टाफ का भी मनोबल बढ़ाएंगे और स्टाफ को चिकित्सा सुविधाएं जुटाई जाएगी. हालांकि इस दौरान उन्होंने लिक्विड ऑक्सीजन पर दूसरे राज्यों पर निर्भर रहने की बात को स्वीकारा है.

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बता दें कि मप्र के उज्जैन एवं अशोकनगर में डेल्टा प्लस से मौतों के बाद इंदौर में भी आशंकाओं को देखते हुए विशेष प्रबंध शुरु कर दिए हैं, क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर यह जोड़ कर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि डेढ़ से दो महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. इससे पहले कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. इसके बाद सरकारों की टेंशन बढ़ने लगी है क्योंकि दूसरी लहर के दौरान तबाही डेल्टा वैरिएंट से हुई थी. कोरोना की दूसरी लहर में इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज और मौत के आंकड़े सामने आए थे. जिसको लेकर प्रदेश के अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव ने इंदौर में तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर दौरा किया. इस दौरान स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. जिले में भले ही कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या कम हो रही है. फिर भी प्रशासनिक स्तर पर विशेष सावधानी एवं सतर्कता रखी जा रही हैं.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हालांकि कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप को लेकर सतर्क है और यह पता लगाने के लिए लोगों के नमूने लेने की प्रक्रिया तेज की जाएगी कि प्रदेश में वायरस के इस प्रकार का संक्रमण बढ़ तो नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के एक अधिकारी ने बताया है कि डेल्टा प्लस की संक्रामकता अपेक्षाकृत ज्यादा है. हालांकि फिलहाल देश में इस स्वरूप के ज्ञात मामलों की तादाद काफी कम है. लिहाजा अभी यह भविष्यवाणी कर पाना सही नहीं होगा कि आबादी पर कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप के क्या परिणाम होंगे?

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