कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शिवपुरी कलेक्टर के एक आदेश पर नियमों की अनदेखी पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है। कोर्ट ने नियमों की अनदेखी कर जिला संयोजक का प्रभार देने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “आप कलेक्टर हैं, जिले के राजा नहीं”। कोर्ट की टिप्पणी के बाद शिवपुरी कलेक्टर ने अपनी गलती मानते हुए अपने आदेश वापस लेने की बात कही है। पहले कलेक्टर शिवपुरी ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को संतुष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए।
दरअसल, मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जिला संयोजक का प्रभार देने में नियमों की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई है। ग्वालियर बेंच में हुई सुनवाई में कोर्ट ने शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से कहा कि आप जिले के कलेक्टर हैं, जिले के राजा नहीं। लेकिन आप ने राजा की तरह कार्य किया। मनमाफिक आदेश जारी किया जो कि सरासर नियमों की अवहेलना है।
बता दें कि यह मामला आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी का है। पूर्व में यहां आरएस परिहार जिला संयोजक के पद पर कार्यरत थे। उनका स्थानांतरण होने पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने जिला संयोजक का प्रभार महावीर प्रसाद जैन को दे दिया। इस आदेश को चुनौती देते हुए राजकुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनकी ओर से तर्क दिया गया था कि वे शिवपुरी जिले में सबसे वरिष्ठ क्षेत्र संयोजक हैं। ऐसे में प्रभार उन्हें दिया जाना चाहिए था। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कलेक्टर शिवपुरी को तलब किया था। कोर्ट ने प्रभार देने के मामले में कलेक्टर को अपना पक्ष रखने के लिए कहा, लेकिन वे कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए। लिहाजा कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए, जिस पर कलेक्टर ने अपने आदेश को वापिस लेते हुए, नियमानुसार पात्रताधारी को जिम्मेदारी देने की बात कही।
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