कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) सहित अन्य जिलों की जेलों में बंद कैदियों के लिए राहत की खबर है। दरअसल, एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने 10 साल से अधिक समय से जेल में बंद गंभीर रूप से बीमार कैदियों की लिस्ट मांगी है। इन कैदियों को विधि अनुसार इलाज के लिए जेल से रिहा किया जाएगा। अदालत ने कहा कि अपराध अपनी जगह, लेकिन मानवता भी देखना है, ताकि लोग जीवित रह सके।
हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा ये मानव अधिकार, निजी स्वतंत्रता और गंभीर चिंता का विषय है। अपराध अपनी जगह है, लेकिन मानवता भी देखना है, ताकि लोग जीवित रह सकें। कानून की लगाई गई कुछ पाबंदियों के साथ अपराधियों को भी मान-सम्मान से जीवन जीने का अधिकार है।
बता दें कि कुछ दिन पूर्व एक आरोपी की अपील पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि आरोपी को कीमोथैरेपी दी जा रही है। आरोपी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने जब वीसी के माध्यम से आरोपी को देखा तो पता चला कि उसके गले में राइस ट्यूब डली हुई है। इसके चलते वह सही तरीके से भोजन भी नहीं कर पा रहा। इस पर कोर्ट ने आरोपी को एक साल के लिए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक