हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के बहुत चर्चित हनीट्रैप मामले में आरोपी पक्ष के द्वारा माननीय विशेष न्यायालय को आवेदन पेश कर पुलिस के द्वारा की जा रही कार्रवाई को एक माह में पूर्ण कर चालान पेश करने हेतु निवेदन किया गया। जिस पर आज विशेष न्यायालय में सुनवाई हुई।
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दरअसल हनीट्रैप मामले में आरोपी श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी के द्वारा अपने अधिवक्ता के द्वारा धारा 173 की पूर्ण संहिता के आधार पर एक आवेदन पेश किया गया था, जिसमें मांग की गई थी कि अनुसंधान अधिकारी या अभियोन एजेंसी पुलिस किसी भी अपराध के अनुसंधान को किसी भी वजह से लंबित नहीं रख सकती है। इसलिए पूरे मामले की जांच एक माह में पूर्ण करते हुए माननीय न्यायलय के समक्ष चालान पेश किया जाए।
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वहीं हनी ट्रैप मामले में आरोपीगण द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर अभियोजन पक्ष के द्वारा न्यायालय के समक्ष लिखित तौर पर आवेदन का विरोध किया गया। अपना पक्ष रखते हुए कहा गया की धारा 173 अनुसंधान में ही स्पष्ट है कि किसी भी आरोपी के खिलाफ सबूत मिलते हैं या शंका होती है तो उस अभियोजन /जांच अधिकारी को बाध्य नहीं किया जा सकता है,कि वह तय सीमा पर विवेचना पूर्ण कर चालान पेश करे। जिस पर मान्य विशेष न्यायालय द्वारा आरोपी गण द्वारा प्रस्तुत आवेदन को निरस्त किया गया है।
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