वेंकटेश द्विवेदी,सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में 22 अक्टूबर को भले ही प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख परिवारों को दीपावली पर पीएम आवास की सौगात दी है, लेकिन पीएम आवास के पीछे होने वाले स्कैम ने अब जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. क्योंकि पात्र हितग्रहियों के पीएम आवास चोरी हो गए हैं. आनन-फानन में जिला प्रशासन ने मामले की जांच की है और भौतिक सत्यापन में 8 आवास मौके पर नहीं मिले. जिसमें 9 लाख 60 हजार का गबन पाया गया है. अब पूर्व सरपंच, जीआरएस और पीसीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.
सतना जिले की सबसे बड़ी पंचायत रहकवरा में कुछ ऐसे ही हालात बने हैं, जो नागौद तहसील के अंतर्गत आती है. जहां के 55 ग्रामीणों ने सतना कलेक्ट्रेट में बीते 18 अक्टूबर को जनसुनवाई में इस मामले की शिकायत की थी. उनके नाम पर स्वीकृति आवास की राशि बगैर आवास बने ही किसी और खाते से निकाल ली गई है. 55 ग्रामीणों के आवास की राशि 1 लाख 20 हजार के हिसाब से 66 लाख की राशि का घोटाला है. सरकारी दस्तावेज में ही बने पीएम आवास बड़े स्कैम की ओर इशारा कर रहा है. ग्रामीणों के आरोप और कागजों की हकीकत के बाद मामला जाँच का विषय बन गया है. जिस पर अब जिला प्रशासन की नींद उड़ गई और जिला कलेक्टर ने जांच की बात कही थी.
अब इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ने गांव के पूर्व सरपंच बलवेंद्र प्रताप सिंह, पंचायत समन्वयक अधिकारी राजेश्वर कुजूर के अलावा जीआरएस बृजकिशोर कुशवाहा के खिलाफ नागौद थाना में 420, 409 एवं 34 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कराया गया है. यह एफआईआर खण्ड पंचायत अधिकारी विजयेंद्र प्रताप सिंह ने जिला पंचायत के सीईओ डॉ परीक्षित राव झाड़े की मौजूदगी में कराई है. मामले पर गौर करें तो रहिकवारा में व्यापक पैमाने पर पीएम आवास घोटाले कि शिकायते सामने आयी थी. आवासों की जांच के लिए सीईओ ने 10 टीमें गठित की है. इस तरह अब रहिकवारा गांव में बने सभी 653 पीएम आवासों का निर्माण जांच के दायरे में आ गए हैं.
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